दिल्ली-केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 18 वें अलंकरण समारोह में अदम्य साहस,शौर्य,वीरताव उत्कृष्ट सेवा के लिए बल के बहादुर अधिकारियों और कार्मिकों को अलंकरण प्रदान किए।गृह मंत्री ने रुस्तमजी स्मारक व्याख्यान भी दिया। इस अवसर पर सीमा सुरक्षा बल पर एक वृत्तचित्र ‘बावा’ का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय, केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार, केन्द्रीय गृह सचिव, सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।BSF के पहले महानिदेशक के एफ रुस्तमजी को श्रद्धांजलि देते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को सलाम करते हुए की।
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केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल और देश के अन्य अर्धसैनिक बलों के कारण ही भारत विश्व के नक्शे पर अपनी गौरवमयी उपस्थिति दर्ज करा पा रहा है। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल की प्रशंसा करते हुए कहा कि आपके नाम मात्र से ही दुश्मनों का दिल दहल जाता है और इसी कारण देश लोकतंत्र के अपनाए हुए विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि दुनिया के नक़्शे पर भारत अपना स्थान मज़बूत कर रहा है उसमें आप सभी का योगदान बहुत महत्वपूर्ण और अग्रिम पंक्ति में है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि उन बलिदानियों, वीरों और योद्धाओं को कभी भुलाया नहीं जा सकता जो आज भी, चाहे – 45 डिग्री तापमान हो या 45 डिग्री की गर्मी हो, चाहे लद्दाख की सीमाएं हों या रेगिस्तान की गर्मी हो, चाहे पूर्वी सीमा में नदी-नाले, जंगल, पहाड़ हों, बीएसएफ़ और हमारी सारी पैरामिलिट्री फोर्सेस, सीमा सुरक्षा के काम में लगी हैं, उन्हीं के कारण आज भारत विश्व के नक़्शे पर अपनी गौरवमयी स्थान उपस्थित करा रहा है।
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केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बीएसएफ़ ने एक उच्च बलिदान की परंपरा को स्थापित किया है। उन्होंन कहा कि सीमा सुरक्षा बल की स्थापना के 6 साल बाद ही जब उस समय के पूर्वी पाकिस्तान में सभी तरह के मानवाधिकारों का हनन हो रहा था, अकल्पनीय यातनाएं दी जाती थीं, और जब स्थिति असहनीय हो गई तब उस स्थिति में भारत ने निर्णय किया और बीएसएफ़ के जवानों ने एक अहम भूमिका निभाई और आज बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक़्शे पर अस्तित्व में है। चाहे युद्ध काल हो या शांति काल हो, बीएसएफ़ के जवानों ने हमेशा अपने कर्तव्य को निभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी और इसी का परिणाम है कि सीमा सुरक्षा बल को अनेकों वीरता पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है।
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केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सीमा सुरक्षा का मतलब है राष्ट्रीय सुरक्षा और जिस देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं, वो राष्ट्र सुरक्षित नहीं रह सकता है। घुसपैठ, मानव तस्करी, गौ तस्करी, हथियारों की तस्करी, ड्रोन जैसी चुनौतियों का ज़िक़्र करते हुए कहा कि देश की पैरामिलिट्री फ़ोर्सेस की सजगता, समयानुकूल बदलाव लाने की उनकी क्षमता पर विश्वास जताया और कहा कि इन सब चुनौतियों को पार करके हम अपनी सीमाओं को सुरक्षित करेंगे।
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सुरक्षा बलों की उपलब्धियों का ज़िक़्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों ने
15 अरब रूपए के नारकोटिक्स पकड़े हैं, साढ़े चार करोड़ रूपए के सोना-चांदी को पकड़ा है,
15 आतंकियों को मार गिराया है और लगभग 2000 आतंकियों और घुसपैठियों को पकड़ा है।
उन्होंने भविष्य में सीमापार से आर्टीफिश्यिअल इंटेलीजेंस और रोबोटिक्स तकनीक
के इस्तेमाल के ख़तरे के प्रति भी आगाह किया और इसके ख़िलाफ़ एक दीर्घकालिक
योजना बनाने की ज़रूरत पर बल दिया। गृह मंत्री शाह ने कहा कि सुरक्षा बलों
ने नक्सलविरोधी अभियान में भी बहुत अच्छा काम किया है।
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