दिल्ली-भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों में भारत को वैश्विक ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र बनाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस उद्योग को समर्थन देने के लिए पहले से ही नीतियां बना रही है।
फिक्की कर्नाटक स्टेट काउंसिल द्वारा वर्चुअल माध्यम से आयोजित ‘इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कॉन्फ्रेंस 2020′ को संबोधित करते हुए, मंत्री गडकरी ने कहा कि भविष्य बहुत उज्ज्वल है और भारत में दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को पहले से ही बढ़ावा देने में लगी है।
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मंत्री गडकरी ने ऑटोमोबाइल उद्योग से इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत को कम करने का आह्वान किया ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़े और बिक्री बढ़ने पर उद्योग को भी लाभ होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि वाहनों की गुणवत्ता और रखरखाव भी बनाए रखा जाना चाहिए।उन्होंने आशा व्यक्त की कि उच्च उत्पादन से ऑटोमोबाइल उद्योग बाजार की बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम होगा।
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उन्होंने फिक्की और अन्य हितधारकों से भारत में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के विकास के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण के साथ आगे आने का आग्रह किया। नीति आयोग की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए मंत्री गडकरी ने कहा कि भारत को 2022 तक न्यूनतम 10 गीगा वॉट प्रति घंटे वाली बैटरी की आवश्यकता है, जिसे 2025 तक 50 गीगा वॉट तक विस्तारित किया जाएगा।
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मंत्री गडकरी ने ज़ोर देकर कहा, “हमें भारत में इन बैटरी के विनिर्माण को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। मैं उद्योग जगत से देश में ई-बैटरी के विनिर्माण के बारे में विचार करने का आग्रह करता हूं। हमें एक ऐसी नीति की आवश्यकता है जो प्रभावी-लागत को बढ़ावा दे और आयात का विकल्प, प्रदूषण-मुक्त और स्वदेशी को बढ़ावा दे।”
री गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार दिल्ली और मुंबई एक्सप्रेसवे पर ई-हाईवे बनाने की दिशा में काम कर रही है, जहाँ ई-बसें और ट्रक चलेंगे। उन्होंने कहा, “हम एक पायलट प्रोजेक्ट के साथ आगे बढ़ रहे हैं; दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर भारत की जीवन रेखा बन जाएगा । हम नई इलेक्ट्रिक सड़कों को स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। ईंधन के रूप में बिजली देश में उपलब्ध है, इसलिए बड़े पैमाने पर बिजली से चलने वाला परिवहन देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण समाधान है। मंत्री गडकरी ने सीएनजी, एलएनजी जैसे जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। उन्होने बताया कि वह जल्द ही जैव-सीएनजी पर चलने वाले ट्रैक्टर की शुरुआत करेंगे।
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