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चिकित्सा व्यवस्था सुधारने कलेक्टर ने दिए निर्देश बेहतर चिकित्सा व्यवस्था के साथ अच्छा व्यवहार भी जरूरी- कलेक्टर

इलाज कराने जिला अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को मिलेंगी और भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं,साथ ही व्यवहार संबंधी विसंगतियों का भी सामना नहीं करना पड़ेगा

महासमुन्द: चिकित्सा सुविधाओं को लेकर प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल महासमुंद में गुरुवार को कलेक्टर सुनील कुमार जैन की अध्यक्षता में चिकित्सकों की बैठक आहूत की गई। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ. रवि मित्तल, सिविल सर्जन डॉ. आर के परदल, आर एम ओ डॉ. नागेश्वर राव जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार, अस्पताल सलाहकार डॉ निखिल गोस्वामी सहित अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सक एवं चिकित्सक गण उपस्थित थें.

इस दौरान कलेक्टर जैन ने जिला अस्पताल खरोरा में उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में जानकारी लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों को चाहिए कि वह ड्यूटी रोस्टर चार्ट का नियम से पालन करें एवं नियत समय पर सेवाएं उपलब्ध कराने पहुंचे। विशेषकर ऐसे मरीज जो ग्रामीण अंचल से आते हैं एवं बीमारियों सहित आर्थिक अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन सभी के साथ हमें अच्छे से अच्छा व्यवहार करना चाहिए। ध्यान रहे कि निःशुल्क प्रदाय की जा रही सुविधाओं में कोई कमी न हो। पूर्ण जांच, परामर्श व उपचार की सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहें, ताकि मरीजों को पंजीयन कराने से लेकर डिस्चार्ज होने तक किसी भी विसंगति अथवा परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

उन्होंने कहा कि यदि सुरक्षा संबंधी कार्यों में अव्यवस्था महसूस कर रहे हों तो होमगार्ड के अलावा निजी संस्थानों से भी सुरक्षा गार्ड इत्यादि कर्मचारियों की व्यवस्था भी की जा सकती है। दूसरी ओर चिकित्सकीय अमले में कर्मचारियों में कमी को लेकर उन्होंने जीवनदीप समिति के माध्यम से वार्ड बॉय जैसे स्वास्थ्य कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपाय भी बतलाए, जिससे आने वाले समय में भी मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं को लेकर निजी संस्थानों का रुख ना करना पड़े और शासन द्वारा प्रदत्त चिकित्सा सुविधाओं की छवि में और तेजी से सुधार हो। इसके लिए विभाग के समस्त कर्मचारियों को टीम-वर्क फॉलो कर बेहतर परिणाम देने के लिए वचनबद्ध होना होगा। यदि संसाधनों की कमी है या सेवाएं प्रदान करने में किसी भी तरह की असुविधा हो रही हो, तो स्वास्थ विभाग के मुखिया एवं जिला प्रशासन को वस्तुस्थिति के बारे में अवगत कराया जा सकता है। उनके द्वारा समस्याओं का त्वरित निराकरण हेतु आश्वस्त भी किया गया। सिविल सर्जन डॉ. परदल ने बताया कि यह एक समीक्षात्मक बैठक थी, जिसमें काम-काज में कसावट लाने के उद्देश्य से कलेक्टर उपस्थित होकर मार्गदर्शन प्रदान किया.

नगरी निकाय चुनाव को अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने का विरोध किया भाजपा ने बताया इसे लोकत्रंत की हत्या

महासमुन्द :भाजपा महासमुन्द द्वारा राज्य की कांग्रेस के द्वारा नगरीय निकाय चुनावों को अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने के साथ बैलेट पेपर से मतदान कराए जाने को लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कांग्रेस सरकार के तुगलकी फरमान के विरोध में स्थानीय लोहिया चौक में 1 दिवसीय धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया गया साथ ही राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ,जिलाधीश को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपा गया.
भाजपा जिलाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह गोल्डी,पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर,साँसद प्रतिनिधि संदीप दीवान,माधव टाँकसाले,नगरपालिका अध्यक्ष पवन पटेल,उपाध्यक्ष कौशिल्या बंसल,पार्षद देवीचंद राठी सहित वक्ताओं ने इसे राज्य की कांग्रेस सरकार की बौखलाहट करार देते हुए कहा छग प्रदेश की जनता को छलने का काम झूठे वादों के साथ कांग्रेस की सरकार ने किया है |जिसका परिणाम कांग्रेस को विगत लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ा है .नागरिक अधिकारों का हनन करते हुए पुनः नगरीय निकाय चुनाव में हार की बौखलाहट से कांग्रेस ने यह तुगलकी फरमान जारी किया है.जब से कांग्रेस की सरकार राज्य की सत्ता में आई है सिर्फ बदलापुर की राजनीति कांग्रेसी नेताओं के द्वारा की जा रही है.अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली जनता लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है.
कांग्रेस की सरकार को जनभावनाओं से कोई लेना देना ही नही है अप्रत्यक्ष चुनावो में जनता की सीधी सहभागिता नही रहेगी जो विकास कार्यो में अवरोध उतपन्न करेगा ,क्योंकि जनता के द्वारा सीधा चुना गया अध्यक्ष ,महापौर की जवाबदारी जनहित के लिए समर्पित रहती थी .जिसमें रोक लगाकर कांग्रेस सरकार ने मनमाने ढंग से अव्यवहारिक निर्णय लेते हुए  जनभावनाओं का अपमान किया है कांग्रेस के नेताओ का सर्वे प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्यक्ष रूप से उनकी हार को दर्शा रही थी  विधानसभा चुनाव में हुई चूक को सुधारते हुए जनता ने लोकसभा में ऐतहासिक विजय भाजपा को दिलाई थी  भाजपा के रीति ,नीति सिद्धान्तों से जनता प्रभावित रहती आई है , जनता का रुझान नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्यक्ष रूप से भाजपा के पक्ष रहा है प्रत्यक्ष तौर पर हार के डर से भयभीत कांग्रेस पार्टी सरकार के बल पर जनादेश का अपमान करते हुए जोड़तोड़ और खरीद फरोख्त की राजनीति कर रही है जो निंदनीय है साथ ही कांग्रेस सरकार प्रदेश में शराबबंदी,बेरोजगारी भत्ता देने ,पेंशन वृद्धि अन्य मामले में भी पूरी तरह फैल हो गयी है .
 भाजपा महासमुन्द द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन के इस कार्यक्रम का संचालन पार्षद महेंद्र जैन ने किया कार्यक्रम में ,महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष मीना वर्मा,वरिष्ठ भाजपा नेता माधव टांकसाले,पवन वर्मा, नारेन्द्र गिरी,मण्डल अध्यक्ष सन्दीप घोष,प्रभा साहू,महामंत्री सन्तोष वर्मा,शंकर चन्द्राकर,ग्रामीण मण्डल अध्यक्ष प्रेम चंद्राकर,पार्षद शुभ्रा शर्मा ,दशोदा ध्रुव,सरला मदनकार,राजू चंद्राकर ,विक्रम ठाकुर,डमरू मांझी,अरविंद प्रहरे, मोहन मदनकार,गोपाल वर्मा,प्रकाश शर्मा,अरुण साहू,,मनीष शर्मा,मनीष बंसल,बंटी शर्मा,गोलू मदनकार,मंगेश टांकसाले,दिग्विजय साहू,हिमांशु चन्द्राकर,महेंद्र सिका,अजय चोपड़ा,गोपाल चंद्राकर,बंसी साहू,डागेश्वरी चंद्राकर,नूतन कुर्रे,उत्तरा प्रहरे,मोहन साहू,पवन साहू,गोविंद ठाकुर,हनीश बग्गा,वामन राव,अशोक साहू,लालू यादव,गोपी कन्नौजे,सोनाधर,सुनीता साहू ,जतिन रूपरेला,शिव राठौर,जग्गू छुरा,,रेखा देवार,मुन्ना,किशन साहू,सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे |

गोठान से खुली नई राहें, आमदनी के साथ रोजगार से जुड़ी महिलाएं : पहले सोचते थे कौन खरीदेगा, अब डिमांड इतनी की आपूर्ति हो रही मुश्किल

 10 क्विंटल जैविक खाद बेचने के बाद 20 क्विंटल खाद की आई डिमांड जैविक खाद की मांग बढ़ने से बनचरौदा गाँव की महिलाओं में खुशी का माहौल

रायपुर:अब तक गाय के गोबर को कण्डे के रूप में ही इस्तेमाल करती आई गाँव की महिलाओं को अब एक नया रोजगार मिल गया है। शासन द्वारा गाँव-गाँव गोठान बनाने की पहल ने सबकों एक नया रोजगार से जोड़ दिया है। गोठान से एक साथ निकलने वाला गोबर न सिर्फ उपयोगी हो गया है बल्कि गाँव की अनेक महिलाओं के खाली हाथों को काम देने के साथ उन्हें आमदनी भी देने लगा है। गोठान के गोबर से तैयार होने वाला जैविक खाद 10 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। बनचरोदा ग्राम की महिलाओं ने तो महज दो माह के भीतर एक हजार किलो खाद बेच डाली है। केचुआं से तैयार इस जैविक खाद की उपयोगिता को जानने समझने के पश्चात लोग इसे लेने पहुंच रहे है.

10 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट बेचने के बाद 20 क्विंटल खाद की फिर से मांग आई है। जैविक खाद की मांग बढ़ने से इस कार्य में संलग्न स्व सहायता समूह की महिलाओं में बहुत खुशी का माहौल है। अब वे 20 क्विंटल खाद की डिमांड पूरा करने के लिए गोठान में जुटी हुई हैं। शुरुआत में खाद निर्माण कर अटपटा से महसूस कर रही महिलाओं को लगता था कि इस खाद को कौन खरीदेगा, कही ये घाटे का सौदा न साबित हो। लेकिन अब जब डिमांड बढ़ने लगी है तो तैयार किया खाद खत्म हो चुका है। मांग पूरी करने के लिए उन्हें खाद बनाने जुटना पड़ा है।  गोठनों से निकलने वाला गोबर गाँव की अनेक महिलाओं को आत्मनिर्भर की राह में आगे बढ़ाने के साथ उनकी आमदनी भी बढ़ा रहा हैं.

आरंग विकासखंड के अंतर्गत ग्राम बनचरौदा की पहचान एक स्वावलंबी गाँव के रूप में होने लगी है। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा नरवा,गरवा, घुरवा एवम बाड़ी विकास को बढ़ावा देने की पहल के साथ ही गाँव में आदर्श गोठान बनाकर यहाँ की सैकड़ों महिलाओं को आत्मनिर्भर की राह में आगे बढ़ने का अवसर मिल गया है। गोठान के गोबर से सजावटी दीया के साथ अन्य उत्पाद तो यहाँ तैयार हो ही रहा है, यहां की धनलक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह द्वारा गोबर से जैविक खाद एवम गौ मूत्र से औषधि का निर्माण कर बाजार में विक्रय किया जा रहा है। अपने घर का काम निपटाने के साथ गोठान के माध्यम से कुछ काम कर महिलाओं ने आमदनी का जरिया ढूंढ निकाला है। समूह की सदस्य श्रीमती गीता साहू ने बताया कि अब तक लगभग 10 क्विंटल जैविक खाद बेच चुके है। अभी 20 क्विंटल जैविक खाद की फिर से मांग आई है। उन्होंने बताया कि गोठन में अभी 8 बेड थे अब दो बेड और लगातार खाद का निर्माण किया जाएगा। जैविक खाद की मांग बढ़ने की बात कहते हुए उन्होंने बताया कि भविष्य में अधिकांश किसान जैविक फसल की ओर अग्रसर होंगे। जिस तरह से खाद की मांग बढ़ी है उसको देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में तुरंत ही किसी को खाद की आपूर्ति नही हो पाएगी.

मुख्यमंत्री ने कहा : दीपावली पर मिट्टी से बने परम्परागत दिये  के उपयोग को करें प्रोत्साहित 

मिट्टी के दिये बेचने वालों को नहीं हो कोई परेशानी

 मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की संस्कृति के अनुरूप दीपावली पर मिट्टी से बने परम्परागत दिये के उपयोग को प्रोत्साहित करने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा है कि ग्रामीणों और कुम्हारों द्वारा दीपावली पर मिट्टी के दिये बनाकर बेचा जाता है.

मिट्टी के दिये बेचने वालों को किसी भी तरह की असुविधा नहीं हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। नगर पालिक-नगर पंचायत क्षेत्र के अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि मिट्टी के दिये बेचने वालों से किसी भी तरह के कर की वसूली नहीं की जाए और आमजनों को मिट्टी के दिये का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.

महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय के परिषद का किया गया गठन

शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय महासमुंद के वाणिज्य विभाग द्वारा वाणिज्य संकाय के परिषद का 17 -10 -2019 को गठन किया गया जिसमें वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अब्दुल करीम ,सहायक प्राध्यापक अजय कुमार राजा, सहायक प्राध्यापक राजेश्वरी सोनी एवं अतिथि प्राध्यापक परवीन करीम एवं प्राची गुप्ता उपस्थित थे।

वाणिज्य परिषद के अध्यक्ष एम. कॉम तृतीय सेमेस्टर से विजय कुमार पटेल,उपाध्यक्ष एमकॉम प्रथम सेमेस्टर से मो. नाजिम खान ,सचिव एमकॉम तृतीय सेमेस्टर से विनय वर्मा तथा सह सचिव एमकॉम प्रथम सेमेस्टर से दीक्षा रानी चंद्राकर को मनोनित किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान एम कॉम प्रथम सेमेस्टर एवं तृतीय सेमेस्टर के समस्त छात्र- छात्राएं उपस्थित थे।इस अवसर पर वाणिज्य विभागाध्यक्ष ए करीम ने सभी को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की, कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक  अजय कुमार राजा के द्वारा किया गया

गोवर्धन पूजा के दिन मनाया जाएगा ‘गौठान दिवस‘ राज्य शासन ने सभी कलेक्टरों को जारी किए निर्देश

रायपुर-छत्तीसगढ़ राज्य में दीपावली त्यौहार के पश्चात गोवर्धन पूजा की मान्यता तथा परम्परा है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के अंतर्गत निर्मित गौठानों में गोवर्धन पूजा के दिन गौठान दिवस मनाया जाएगा। राज्य सरकार के कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा सुराजी गांव योजना के तहत गोवर्धन पूजा के दिन गौठान दिवस मनाए जाने के संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्टरों और मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

जारी निर्देश के अनुसार सुराजी गांव योजना के तहत चयनित गांवों में गौठान निर्मित किए गए हैं, जहां गौवंश प्रतिदिन आते है। गोवर्धन पूजा के दिन उन गौठानों में गौठान दिवस मनाने का निर्णय राज्य शासन द्वारा लिया गया है। कार्यक्रम में परम्परागत पूजा-अर्जना की जाएगी। इसके अतिरिक्त गौठान दिवस के पूर्व गौठान सेवा समिति का गठन सुनिश्चित करने और गौैठान सेवा समिति को औपचारिक रूप से कार्यभार गौठान दिवस में सौंपे जाने के संबंध में निर्देश दिए गए हैं।

 गौठान समिति के बैंकों में तत्काल खाता खुलवाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि नवम्बर माह से इन खातों में आबंटन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया स्थापित हो सके। जिलों के सभी गौठान सेवा समिति के सदस्यों के नाम और खातों की जानकारी 10 नवम्बर तक संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। यदि नवीन गौठान चयनित और स्वीकृत हांे तो उनका भूमि-पूजन भी पंचायत एवं ग्राम के समक्ष गौठान दिवस पर कराया जाएगा।

महिला स्व-सहायता समूहों को जो गौठान में कार्य करते हैं और जो भविष्य में गौठान सेवा समिति के साथ गौठान कार्याें का संपादन करेंगे, इन सभी स्व-सहायता समूहों की सहभागिता भी गौठान दिवस के कार्यक्रम में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्टीकर लगे फलों के विक्रय पर लगा प्रतिबंध

सभी प्रतीकात्मक फोटो

रायपुर-खाद्य एवं औषधि प्रशासन छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश के सभी फल विक्रेताओं को स्टीकर लगे हुए फल नहीं बेचने की अपील की है। साथ ही आम जनता से भी स्टीकर लगे हुए फल नहीं खरीदने की अपील की है। कोई भी खाद्य कारोबारी असुरक्षित खाद्य का संग्रह, वितरण और विक्रय करते पाया जाएगा तो उनके विरूद्ध खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 की धारा 59 की तहत कारावास एवं जुर्माने कार्रवाई की जाएगी।

नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन छत्तीसगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार बाजार में बिकने वाले सेब, आम, संतरा, अमरूद, केला, सीताफल, नाशपाती आदि फलों में स्टीकर चिपके होते हैं। अधिकांश व्यापारी फल के ऊपर स्टीकर का इस्तेमाल प्रीमियम दिखाने या कई बार फलों के खराब हिस्सों की खामियां छुपाने के लिए करते हैं। फलों पर जो स्टीकर चिपके होते है उन पर व्यापारी की ब्राण्ड के नाम, ओके टेस्टेड, बेस्ट क्वालिटी या फल का नाम लिखा होता है। फल विक्रेता फलों में स्टीकरों का इस्तेमाल उत्पाद को प्रीमियम दर्जे का दिखाने के लिए करते है।

फलों के ऊपर लगे स्टीकर में कैमिकल होता है और कैमिकल की वजह से फल दूषित हो जाता है। स्टीकर के गोंद में खतरनाक कैमिकल होते है, जो मानव के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत खाद्य कारोबारी असुरक्षित खाद्य का संग्रह, वितरण, विक्रय नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति सड़ी-गली फलों एवं सब्जियों का विक्रय नहीं करेगा। फल एवं सब्जियों में मोम, खनिज तेल, रंगों का आलेपन भी नहीं करेगा और फलों को कार्बाइट के रूप में सामान्य रूप से ज्ञात एसीटिलिन गैस का प्रयोग करके कृत्रिम रूप से पका कर विक्रय नहीं करेगा।

वायुसेना भर्ती रैली में 208 अभ्यर्थी चयनित-अभ्यर्थियों के अनुपात को कलेक्टर ने ऐतिहासिक बताया

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धमतरी-जिले में पहली बार आयोजित वायुसेना भर्ती रैली में प्रदेश भर के सभी 27 जिलों के कुल 5 हजार 418 अभ्यर्थी सम्मिलित हुए, जिनमें से 208 अभ्यर्थियों का चयन इसमें किया गया। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार पहले चरण में प्रदेश के 13 जिले के 3049 अभ्यर्थी और दूसरे चरण में 14 जिले के 2369 अभ्यर्थी इसमें शामिल हुए। इनमें से पहले चरण में 122 और दूसरे चरण में 86 अभ्यर्थियों का चयन हुआ, जो कि बहुत सकारात्मक परिणाम रहा।

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कलेक्टर रजत बंसल ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए अपनी शुभकामनाएं दी हैं, साथ ही जो अभ्यर्थी इसमें असफल रहे उन्हें अपनी कमियों को दूर करते हुए अगली बार बेहतर प्रदर्शन करने की शुभेच्छा प्रकट की। उन्होंने बताया कि वायुसेना रैली में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली जैसे विकसित राज्यों में 10-15 हजार की संख्या में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों में से डेढ़ सौ, दो सौ का चयन होता है, उस अनुपात से अगर छत्तीसगढ़ और धमतरी जिले का अनुपात देखें तो रैली का परिणाम काफी सकारात्मक और ऐतिहासिक रहा।

उल्लेखनीय है कि स्थानीय पंढरीराव कृदत्त इनडोर स्टेडियम में गत 13 अक्टूबर से वायु सेना भर्ती रैली (वाय श्रेणी) का आयोजन दो चरणों में किया गया। इसके पहले चरण में 3049 तथा दूसरे चरण में 2369 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। इनमें से शारीरिक माप, शैक्षणिक योग्यता, दौड़ तथा फिजिकल फिटनेस के दौर से गुजरने के बाद अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा ली गई। इसमें उत्तीर्ण होने के बाद समूह चर्चा और मेडिकल फिटनेस में खरे उतरने वाले प्रतिभागियों का चयन होता है। प्रथम चरण में 122 तथा द्वितीय चरण में 86 यानी कुल 208 अभ्यर्थियों का चयन इसमें हुआ। इनमें सबसे ज्यादा 50 अभ्यर्थी दुर्ग जिले से, दूसरे स्थान पर बालोद जिले से 29 तथा तीसरे स्थान पर रहे धमतरी जिले से 16 अभ्यर्थियों का वायु सेना के लिए चयन हुआ है।

दंतैल को आदमखोर घोषित कर मारने या फिर सभी हाथियों को अन्यंत्र विस्थापित करने की मांग को लेकर निकाली रैली

महासमुंद– विगत चार-पांच वर्षों से सिरपुर हाथी प्रभावित  क्षेत्र में हाथियों के उत्पात से किसान परेशान है क्षेत्र में लगभग 20 से 25 हाथी जान-माल का नुकसान कर रहे हैं इन 5 वर्षों में 15 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार चुके है.वही क्षेत्र के किसानों को आर्थिक नुकसान भी पहुंचा रहे हैं. इसी के चलते हुए आज गुरुवार 17 अक्टूबर को सिरपुर हाथी प्रभावित क्षेत्र के लोग जनपद अध्यक्ष धर्मदास महिलांग व जनपद सदस्य योगेश्वर चन्द्राकर के नेतृत्व में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर महासमुंद को सौंपा है.

मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र में कहा गया है कि महासमुंद ब्लॉक के 56 से अधिक गांव हाथी के आतंक से प्रभावित है 5 साल में 16 लोगों की मौत हो गई है गलियों में मैं बिजली स्ट्रीट लाईट की संपूर्ण व्यवस्था एवं रात में विद्युत सप्लाई न होने से और हाथियों के दिन एवं रात में असमय गलियों में घूमते रहने से बच्चों को स्कूल महिलाओं एवं पुरुषों को दैनिक एवं कृषि कार्यों के साथ व्यापारी एवं अधिकारियों को कार्य संपादित कर पाना मुश्किल हो रहा है अतः ग्रामीणों की पीड़ा को गंभीरता से लेते हुए निम्नांकित विषयों पर निराकरण किया जावे अन्यथा जनमानस के द्वारा जेल भरो आंदोलन एवं चक्का जाम करने के लिए क्षेत्र के एवं नागरिक बाध्य होंगे जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी.

ग्रामीणों की मांग इस प्रकार है

दंतैल को आदमखोर घोषित कर उनको मार दिया जाए या फिर सभी हाथियों को अन्यंत्र विस्थापित कर दिया जाए.मृतक परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को वन विभाग में नौकरी दी जाए.25000 रुपए प्रति एकड़ की दर से क्षतिपूर्ति दी जावे प्रभावित गांव में लाइट की समुचित व्यवस्था एवं 24 घंटे  बिजली सप्लाई की जाए.क्षतिपूर्ति की राशि 15 दिवस के भीतर पीड़ित परिवार को दिया जाए.कुकरा बंजर के जालीदार पीटो पेड़ों की कटाई की जावे हाथी सुरक्षा घेरा का शीघ्र निर्माण किया जावे.1 पशु संरक्षण दल के ग्रामीण युवकों की भर्ती कर क्षेत्र में पर्याप्त वाहन के साथ पेट्रोलिंग की सुविधा की जावे.एलीफेंट रिजर्व वायर निर्माण को लेकर सरकार की क्या योजना है किस स्थान पर और कब तक हाथियों स्थापित किया जाएगा सार्वजनिक किया जावे.मुख्यमंत्री एवं वन मंत्री से प्रतिनिधिमंडल ने चर्चा के लिए पर्याप्त समय सुनिश्चित किया जाए.सुझाव पशु संरक्षण का होना चाहिए जो समस्या मूलक गांव में गस्त करें हाथियों के लिए बनाए जा रहे रिजर्व के लिए चिन्ह अंकित स्थल की समुचित जानकारी एवं कार्य में हुए प्रोग्रेस की जानकारी दें.योजना की जानकारी दें मुख्यमंत्री एवं मंत्री से मिलने एवं चर्चा के लिए पर्याप्त सुनिश्चित किया जाए

सिरपुर हाथी प्रभावित क्षेत्र के लोग जनपद अध्यक्ष धर्मदास महिलांग व जनपद सदस्य योगेश्वर चन्द्राकर के नेतृत्व में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर एक रैली निकाली जो शहर के नेहरु चौक,स्वामी चौक,अम्बेडकर चौक बस स्टैंड महामाया चौक गांधी चौक होते हुए कलेक्टर ऑफिस पहुची जंहा पर एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर महासमुंद को सौंपा व् मांगो व समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की गई.इस दरमियान जनपद सदस्य गिरधर आवडे, जीवराखन साहू,जीपी कुरिल,दिनेश बंजारे,राजकुमार ठाकुर,टीकालाल यादव, भुखन डहरिया कार्तिक साहू संतराम साहू,ललीत साहू ,श्रवण निषाद,अशोक मन्नाडे,राजेश साहू आदि हाथी प्रभावित क्षेत्र के सैकड़ो ग्रामीण उपस्थित थे.

 

 

नगरीय क्षेत्र में घुम रहे सुअरों को हटाने के लिए मुहिम प्रारंभ किया पालिका ने

महासमुंद-नगर में आवारा, बेलगाम घुम रहे सुअरों से आमजन परेशान है. नागरिकों की शिकायतों के बाद अब नगर पालिका ने नगरीय क्षेत्र में घुम रहे सुअरों को हटाने के लिए मुहिम प्रारंभ करने का निर्णय लिया है. मुख्य नगर पालिका अधिकारी रमेश जायसवाल ने बताया कि सुअर मालिकों को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर नगरीय क्षेत्र से सुअर हटाने के निर्देश दिए है. साथ ही नोटिस में चेतावनी दी है कि यदि तीन दिन में सुअर मालिक सुअर को अन्यंत्र नहीं भिजवाते हैं तो अन्य निकायों से कर्मचारियों को बुलाकर नगर में घुम रहे सुअरों को पकड़ेगी. जिसके लिए लगने वाले व्यय की वसूली भी सुअर के मालिकों से की जाएगी,साथ ही पुलिस थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी.

ज्ञात हो कि इसी मामले को लेकर कल नगर के नागरिक बीपी बिसाई ने नगरपालिका के सामने अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे इस संबंध में बिसाई का कहना है कि नगर पालिका शहर में स्वच्छता अभियान चला रही है पर वहीं सूअर नालियों के कचरे व् अन्य जगहों पर पड़े कचरों को बिखेर रहे हैं इससे गंदगी हो रही है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण जिला अस्पताल में भी देखा जा सकता है मरीज के परिजन जहां पर बर्तन साफ करते हैं वहीं पर सूअर भी आ जाते और उनको परेशान करते हैं.पालिका को कई बार ध्यान आकृष्ट कराया गया लेकिन कार्यवाही नहीं की गई इसलिए  यह कदम उठाना पड़ा.