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कोरोना व् लॉकडाउन के बीच ओडिशा बॉर्डर के गांवों में बिक रही अवैध शराब-संतोष

कोरोना व् लॉकडाउन के बीच ओडिशा बॉर्डर के गांवों में बिक रही अवैध शराब-संतोष

अजित पुंज-बागबाहरा- आम आदमी पार्टी खल्लारी विधानसभा प्रभारी संतोष चंद्राकर ने कहा है कि लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के दौरान घोषित लांक डाउन में भी खल्लारी विधान सभा के ओडिशा बॉर्डर के गांव गांव मे अवैध शराब और महुआ शराब बनाने और बेचने का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है। अपराधी प्रवृति के युवकों द्वारा आदतन अपराधियों को महंगे दामों में अवैध अंग्रेजी शराब उपलब्ध कराई जा रही है। आबकारी और पुलिस की नाक के नीचे शराब की अवैध बिक्री बेखौफ जारी है ।

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आदिवासियों की बहुलता के कारण वैसे भी सरकार ने आदिवासियों को स्वयं के सेवन के लिए पांच लिटर महुआ शराब अपने घरों में बनाने की छूट दे रखी है लेकिन आदिवासियों के आड़ में कुछ लोग अवैध शराब बनाने और बेचने के कारोबार को अपने परिवार की जीविकोपार्जन का जरिया बना लिया है।अवैध शराब और नशे का कारोबार धड़ल्ले से संचालित रहने के कारण युवा वर्ग नशे की चपेट में आकर बर्बाद हो रहा है। जिससे कोरोना संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। जहाँ सभी लोगों का लॉकडाउन में कारोबार बंद पड़ा हुआ है । वंही नशे का कारोबार अपनी बुलंदी पर है।

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कोरोना व् लॉकडाउन के बीच ओडिशा बॉर्डर के गांवों में बिक रही अवैध शराब-संतोष
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कुछ ग्रामीणों ने तो यंहा तक जानकारी दी कि गांवों में अवैध शराब बिक्री करने वाले तकरीबन 10- 12 साल से गांवों में शराब का कारोबार करते आ रहे। अगर गांव वाले पुलिस से शिकायत करते हैं तो बड़ी मुश्किल से कुछ लोगों के खिलाफ पुलिस कार्यवाही तो होती है लेकिन वे जल्द ही जमानत पर छूट कर बाहर आने के बाद वे फिर से शराब बेचना चालू कर देते हैं या अपने किसी अन्य गुर्गे से उस क्षेत्र में शराब की अवैध बिक्री करवाते हैं ।

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इनके ऊपर कठोर कार्रवाई नहीं होने की वजह से इनके हौसले बुलंद हो चुके हैं। इनका हौसला इतना बुलंद हो चुका हैं कि ग्रामीण इनके खिलाफ आवाज उठाने में भी डरते हैं कि कहीं उनके साथ कोई अनहोनी घटना न घटित हो जाए। सवाल उठता है कि आखिर इन अवैध कारोबारियों को इतना हौसला कहां से और किसकी शह पर बढ़ा हुआ है और इनके ऊपर उचित सख्त कार्रवाई न होने की वजह से इनके हौसले बुलंदी पर है जो समाज के लिए घातक है।

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संतोष चन्द्राकर ने बताया कि जब उन्होंने इस संदर्भ में दूरभाष पर बागबाहरा एसडीओपी मैडम से चर्चा की तब उन्होंने जानकारी दी कि अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई तो कर रहे हैं एवं आगे भी करेंगे। लेकिन कहा कि मैं पूछना चाहता हूं शासन और प्रशासन से जब शराब एक सामाजिक बुराई है,इस बुराई का सामना समाज के सभी वर्ग के लोगों को मिलकर काम करना पड़ेगा, इस सामाजिक बुराई में अवैध शराब बेचने वालों का हौसला इतना बुलंद क्यों है क्या उन्हें राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है जिसकी वजह से उन्हें कानून का डर नहीं है।

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