Home देश मिलावटखोरी को बनाया जाएगा “संज्ञेय अपराध” शिवराज सरकार का फैसला

मिलावटखोरी को बनाया जाएगा “संज्ञेय अपराध” शिवराज सरकार का फैसला

हर प्रकार की मिलावटी सामग्री के विरूद्ध चलाया जाए सघन अभियान,मुख्यमंत्री ने खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के क्रियान्वयन की समीक्षा की

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भोपाल-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में हर प्रकार की मिलावटी सामग्री के निर्माण एवं विक्रय की रोकथाम के लिए सघन अभियान चलाया जाएगा, जिससे जनता को उपयोग के लिए शुद्ध सामग्री उपलब्ध हो सके, मिलावटखोरों के मन में खौफ हो और वे मिलावट न करें। इसके लिए प्रदेश में मिलावटखोरी को ‘संज्ञेय अपराध’ बनाया जाएगा तथा मौजूदा कानून में आवश्यक संशोधन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 के अंतर्गत प्रदेश में की जा रही कार्यवाही की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा एवं सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में दूध एवं दूध से बनी सामग्रियों, मिठाइयों, अन्य खाद्य सामग्रियों के निरंतर नमूने लिए जाकर जांच एवं कार्रवाई हो। त्यौहारों के अवसरों पर सघन कार्रवाई की जाए। जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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समीक्षा के दौरान बताया गया कि गत तीन माह में प्रदेश में विभिन्न खाद्य सामग्रियों के 4048 नमूने लिए गए। इसी प्रकार खाद्य कारोबारकर्ताओं के 4917 निरीक्षण किए जाकर 293 को सुधार सूचना-पत्र जारी किए गए। दूध एवं दूध से बने उत्पादों के 2020 नमूने लिए गए।

निरीक्षण के दौरान 27 लाख 94 हजार रूपए के अपद्रव्य जप्त किए गए, जिनमें नकली घी, कुकीज, मिर्च-मसाले, बीवरेज, वनस्पति घी, खाद्य तेल, एडलट्रेंट (नकली घी बनाने में प्रयोग होने वाला केमिकल) जप्त किया गया।

भारत सरकार द्वारा खाद्य पदाथों में की जाने वाली मिलावट आदि के संबंध में शिकायत करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल संचालित किया जा रहा है। इस पर प्रदेश से इस वर्ष अभी तक 220 शिकायतें दर्ज की गई थीं, जिनमें से 206 का निराकरण कर दिया गया है।

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खाद्य, सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा ‘क्लीन स्ट्रीट फूड हब’ योजना संचालित है, जिसके अंतर्गत स्ट्रीट फूड विक्रय क्षेत्रों को प्रमाणित किया जाता है। योजना में इंदौर स्थित 56 दुकान क्षेत्र को प्रमाणित किया गया है। इसी प्रकार योजना में चयनित शाहपुरा झील, भोपाल तथा घंटाघर चौपाटी क्षेत्र, उज्जैन में सिविल कार्य प्रचलन में है एवं सराफा बाजार, इंदौर में तत्संबंधी प्रशिक्षण पूर्ण हो गया है।

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