तुमगांव :- नगर के वार्ड 15 गाड़ाघाट में देवनारायण साहू परिवार के प्रांगण में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन की कथा प्रारंभ करते हुए कथावक्ता प.अरविंद पांडेय जी ने भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन किया
रास तो जीव का कृष्ण के मिलन की कथा है
उन्होंने बताया कि रास तो जीव का कृष्ण के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया है लेकिन वह भगवान को पराजित नही कर पाया उसे ही परास्त होना पड़ा है रास लीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है गोपी गीत पर बोलते हुए पांडेय जी ने कहा जब तब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाता है लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है उसे दर्शन देते है।
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रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी है
भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ लेकिन रुक्मणि को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। इस कथा में समझाया गया कि रुक्मणि स्वयं साक्षात लक्ष्मी है और वह नारायण से दूर रह ही नही सकती यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक नही तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है।
धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वतः ही प्राप्त हो जाती है। श्रीकृष्ण भगवान व रुक्मणि के अतिरिक्त अन्य विवाहों का भी वर्णन किया गया।
कथा के दौरान महराज अरविंद पांडेय ने भजन प्रस्तुत किए सभी श्रोताओं ने
लगाए राधे राधे का जयकारा पूरा नगर कृष्णमय वातावरण में रंग गया।
कथा पंडाल में श्रवण करने नगर पंचायत उपाध्यक्ष पप्पू पटेल ,द्रोणाचार्य साहू ,
डोमार पटेल ,विनोद गहरवाल, भुनेश्वर साहू, नरेंद्र साहू ,डॉ देवशरण साहू भागवत साहू ,
कृष्ण कुमार चंद्रकर, रामसजीवन,राधेश्याम , कमलनारायण,सहित सैंकड़ो नगरवासी श्रोतागण पहुंचे थे ।