रायपुर-गणतन्त्र दिवस पर इस बार नई दिल्ली के राजपथ पर छत्तीसगढ़ के लोक संगीत का वाद्य वैभव दिखेगा। गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह के लिए छत्तीससगढ़ राज्य की झांकी को रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति ने लगातार दूसरे साल भी मंजूरी दे दी है। वहीं, कई बड़े राज्यों की झांकी अपना स्थान बनाने से चूक गयी। झांकी के चयन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बधाई दी है।
राजपथ पर बिखरी 36गढ़ी कला एवं संस्कृति की मधुर छटा, झांकी ने लाखों दर्शकों का मन मोहा
रक्षा विभाग की कठिन चयन प्रक्रिया से गुजरने के बाद इस बार की झांकी में छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में प्रयुक्त होने वाले लोक वाद्यों को उनके सांस्कृतिक परिवेश के साथ प्रदर्शित किया जाएगा। देश के कई बड़े राज्यों को पीछे छोडते हुये छत्तीसगढ़ की झांकी ने अपना स्थान सुनिश्चित किया है।
बारदाने कि किल्लत को देखते हुए किसानों के बारदानों पर धान खरीदी की अनुमति
उल्लेखनीय है कि झांकी में छत्तीसगढ़ के दक्षिण में स्थित बस्तर से लेकर उत्तर में स्थित सरगुजा तक विभिन्न अवसरों पर प्रयुक्त होने वाले लोक वाद्य शामिल किए गए हैं। इनके माध्यम से छत्तीसगढ़ के स्थानीय तीज त्योहारों तथा रीति रिवाजों में निहित सांस्कृतिक मूल्यों को भी रेखांकित किया गया है। इस विषयवस्तु पर आधारित झांकी को पांच राउंड की कठिन प्रक्रिया के बाद अंतिम स्वीकृति मिली है। इस बार कई पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखंड , तेलंगाना , ओड़िशा सहित बिहार, राजस्थान जैसे कई बड़े राज्यों की झांकी का चयन नहीं हो पाया है।
स्व मेहतर राम साहू सम्मान-लोक कलाकार मढ़ाई व सुरता समारोह सम्पन्न
देश के विभिन्न राज्यों के बीच कड़ी स्पर्धा और कई चरणों से गुजरने के बाद अंतिम रूप से छत्तीसगढ़ की झांकी का चयन हुआ है। तीन महीने तक कलाकारों की वेषभूषा और लोक संगीत पर शोध कर त्रि आयामी मॉडल तैयार किया गया, जिसे रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ कमेटी ने सलेक्ट किया है।
ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस के नए स्वरूप सार्स सीईओवी-2 से 20 लोग संक्रमित
हमसे जुड़े :–dailynewsservices.com
WatsApp- FLvSyB0oXmBFwtfzuJl5gU
Twitter –DNS11502659
Facebook –dailynewsservices