रायपुर :मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि किसानों को उनके खेतों तक सुविधाजनक पहुंच के लिए प्रदेश में जल्द ही धरसा विकास योजना प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण योजना को राजीव गांधी किसान न्याय योजना से जोड़ते हुए किसानों के लिए आय का नया रास्ता खोला गया। मुख्यमंत्री ने कल बुधवार को राजधानी रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में बलौदाबाजार-भाटापारा और महासमुन्द जिले में लगभग 565 करोड़ रूपए की लागत के 1430 कार्योें का लोकार्पण और भूमिपूजन किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के समय निर्माण कार्य भले ही थोड़ा प्रभावित हुए लेकिन उससे ज्यादा जरूरी काम हमने पूरी ताकत के साथ जारी रखा।राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से गरीबों, किसानों, मजदूरों और ग्रामीणों को भूख, बेरोजगारी और भविष्य की चिंता से बचाने के लिए पूरी ताकत के साथ काम किया गया। पिछले साल भी लॉकडाउन के दौरान गरीबों को निःशुल्क चावल की व्यवस्था की गई थी। इस वर्ष मई और जून माह के निःशुल्क चावल की व्यवस्था पहले ही कर दी गई है, अब जुलाई से नवम्बर तक पांच महीने का चावल निःशुल्क दिया जाएगा। सभी राशनकार्डधारी को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के समकक्ष अतिरिक्त चावल भी वितरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर से विकास के जो काम प्रभावित हुए थे, उन्हें अब पूरी रफ्तार के साथ पूरा किया जाएगा। कोरोना की लहर कमजोर पड़ने के बाद इसकी शुरूआत हो चुकी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल की विपरित परिस्थितियों के बावजूद राज्य सरकार गरीबों, किसानों, मजदूरों और आदिवासियों सहित सभी वर्गों के हित में काम कर रही है राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने किसानों की निराशा दूर करने का काम किया। खेती-किसानी के कामों में जब-जब किसानों को जरूरत हुई तब-तब राजीव गांधी किसान न्याय योजना की किश्तें उनके खातों में पहुंचती रहीं। पिछले साल इस योजना में चार किश्तों में 19 लाख किसानों के खाते में 5628 करोड़ रूपए की राशि सीधे भेजी गई। अब इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसमें धान और गन्ने के साथ-साथ अरहर, मक्का, कोदो, कुटकी, सोयाबीन, दलहन-तिलहन को भी शामिल किया गया है।
बघेल ने कहा कि कोरोना संकट के समय में गोधन न्याय योजना ने किसानों और पशुपालकों को बड़ा सहारा दिया है। गोबर विक्रेताओं को गोबर खरीदी के एवज में अब तक 95 करोड़ रूपए से अधिक राशि का भुगतान किया जा चुका है। पिछले लॉकडाउन के दौरान मनरेगा के कार्यों में रोजगार देने में छत्तीसगढ़ देश का अव्वल राज्य रहा है। इस वर्ष भी मनरेगा में 2 महिनों में साल भर के लक्ष्य का 25 प्रतिशत काम पूरा हो गया है.
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