महासमुन्द- रैन बसेरा से गायब सामानों का मामला तूल पकड़ते जा रहा है। भाजपा पार्षदों के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि जुए की महफ़िल में शौकीनों को ठंडी हवा खिलाने रैन बसेरा के कूलर को गायब कराया गया है। कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि जिला प्रशासन व नगरपालिका अधिकारी की मौजूदगी में रैन बसेरा के निरीक्षण में सामान गायब मिला इसमें भ्रम फैलाने जैसी कोई बात ही नही है।
नगरपालिका उपाध्यक्ष कृष्णा चंद्राकर, नेता प्रतिपक्ष राशि महिलांग, विधायक प्रतिनिधि संजय शर्मा, कुमारी बाई, प्रीति मक्कड़, अनिता विजय, पार्षद राजेश नेताम, निखिलकांत साहू, राजू चंद्राकर, उर्मिला साहू, बबलू हरपाल, अमन चंद्राकर, डमरूधर मांझी, जगत महानंद, एल्डरमेन सुनील चंद्राकर, जावेद चौहान, अनवर हुसैन, योजना सिंह, विजय साव ने प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि रैन बसेरा में सामान खरीदी के नाम पर जमकर गड़बड़ी की गई है।
4 दिन के नवजात शिशु को मिला जीवन दान,एक्सचेंज ट्रांस फ्यूजन के माध्यम से
महज 3 सौ रुपए वाली मेडिकल किट को 38 सौ रुपये में खरीदी गई है। इसी तरह 2 एलईडी टीवी को 75 हजार रुपए व 5 कूलर को 40 हजार में खरीदी गई। इसी तरह अन्य सामानों को काफी महंगे दामों में खरीदी की गई। इसकी शिकायत मिलने के बाद संसदीय सचिव व विधायक विनोद चंद्राकर ने एसडीएम सुनील चंद्रवंशी, तहसीलदार मूलचंद चोपड़ा व नगरपालिका सीएमओ एके हालदार की मौजूदगी में रैन बसेरा का निरीक्षण किया।
VC से कलेक्टर ने पालिकाध्यक्षों व् पार्षदों से की बात कोरोना जांच में आएगी तेजी
जिसमें रैन बसेरा में नाममात्र के सामान मिले। रैन बसेरा के लिए खरीदे गए कई सामान गायब मिले तो कई सामान दूसरे जगहों के स्टोर रूम में धूल खाते पड़े मिले। इसकी पोल खुलने के बाद कुछ लोगों के पेट मे दर्द होने लगा और जनता को गुमराह करते हुए उलजुलूल बयानबाजी कर रहे हैं। शहर की जनता ऐसे लोगों की करतूतों से वाकिफ हैं कि वे कूलर का उपयोग किस प्रयोजन में करने के लिये उसे गायब कराए हैं।
जानलेवा ट्यूमर व् कोरोना मरीज का इमरजेंसी लाइफ सेविंग सर्जरी से बचाई जान
कांग्रेस पार्षदों ने भ्रम फैलाने के आरोप को मिथ्या बताते हुए कहा कि रैन बसेरा के निरीक्षण में जिला प्रशासन के अधिकारी के साथ ही नगरपालिका के सीएमओ भी मौजूद थे। निरीक्षण के दौरान सीएमओ ने भी संबंधित कर्मचारियों से सामानों के बारे में पूछताछ की लेकिन मौके पर मौजूद जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। इससे स्पष्ट है कि लापरवाही बरती गई है।