महासमुंद. भाजपा सांसद चुन्नीलाल साहू का मानना है कि किसानों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए संसद के समक्ष तीन बिल (विधेयक) लाए गए। इन विधेयकों को कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए लाया गया। इसमें आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, किसान व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश और किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौते पर मूल्य निर्धारण अध्यादेश शामिल है।
कृषि अध्यादेशों से किसानों को बहुत फायदा मिलेगा। ये तीनों अध्यादेश बहुत दूर-दृष्टि वाले हैं। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से पहले इन विधेयकों का समर्थन किया जा रहा था, लेकिन अब इस पर राजनीति की जा रही है। कांग्रेस का केवल एक काम है बच गया है और वह है झूठ बोलना।
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सांसद चुन्नीलाल साहू का आरोप है कि कांग्रेस कृषि संशोधन बिल विरोध कर किसानों के विकास को प्रभावित कर रही है। आज कांग्रेस पार्टी इन बिलों का विरोध कर रही है। ये कांग्रेस पार्टी का दोहरा चेहरा है, इनका काम हर जनकल्याणकारी योजनाओं में राजनीति करना है। विधेयक के विरोध में कांग्रेस के प्रदर्शन और बयान पर पलटवार करते हुए सांसद साहू कहते हैं कि वास्तव में कांग्रेस किसान हितैषी है तो छत्तीसगढ़ में इसी खरीफ सीजन से 20 क्विंटल प्रति एकड़ के मापदंड से 2500 रुपए में धान की खरीदी करे। केंद्र की सरकार छत्तीसगढ़ से 60 लाख मिट्रिक टन चावल खरीदेगी।
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सांसद चुन्नीलाल साहू ने एमएसपी पर कांग्रेस के बयान को झूठा बताते हुए कहा कि सदन में केंद्रीय कृषि मंत्री ने स्पष्ट किया है कि एमएसपी पर पहले की तरह खरीदी जारी है और रहेगी। किसान अपनी इच्छा अनुसार कहीं भी बेरोक-टोक अपनी उपज बेचकर दाम ले सकेंगे। उनसे कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा। परिवहन व्यय भी नहीं लगेगा। किसान दलालों से मुक्त होकर सीधे खरीददार से जुड़ेगा। उनका कहना है कि कांग्रेस यह झूठ बोलकर किसानों में भ्रम का वातावरण तैयार कर रही है कि किसान आनी उपज मंडी समिति के बाहर बेचेगा तो मंडी समाप्त हो जाएगी, जबकि किसानों के पास विकल्प खुले रहेंगे वह जहां चाहे उपज बेचेगा और मंडी व्यवस्था समाप्त नहीं होगी।
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सांसद साहू ने बताया कि किसानों के व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश के जरिए किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए सुविधा प्रदान की गई है। इसके पास होने के बाद किसान मंडी के बाहर भी अनाज बेच सकेंगे। इस बिल के जरिए ये जानकारी भी दी जाएगी कि किस जगह कितना दाम चल रहा है और आगे चलकर क्या दाम रहने वाला है।
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सांसद साहू ने बताया कि किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर आधारित है। यह विधेयक इसलिए जरूरी है क्योंकि देश में सब लोग खेती नहीं करते हैं, इसलिए इसके माध्यम से एक समझौता किया जाएगा। अगर कॉन्ट्रैक्ट खेती करने वाला जमीन पर कोई निवेश भी करता है तो ऐसी स्थिति में भी जमीन का मालिकाना हक किसान के पास ही रहेगा। किसान जब चाहे करार छोड़ सकता है.
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