महासमुंद-आज जनहित में अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत तबियत खराब होने के बावजूद अंकित बागबाहरा बागबाहरा में शासकीय जमीनों पर हो रहे बेतहाशा कब्जे व अवैध निर्माण व उसकी अवैधानिक बिक्री के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे । अंकित ने कहा कांग्रेस पार्टी,भूपेश बघेल और मैं किसानों को बीमा से लेकर हर प्रकार का उनका हक दिलाने में लगे हुए है, और प्राप्त सूचनाओं के आधार पर पुख्ता रूप से भाजपा से जुड़े भाजपा नेताओं द्वारा जंगल और जमीन में कब्जा करने में लगे है । वैसे भाजपा के लोग करोड़ों की जमीन का हेर-फेर पिथौरा से सीख कर अब बड़े पैमाने में बागबाहरा में कर रहे है ।
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अंकित बागबाहरा ने जिलाधीश को सौपें अपने अंतिम ज्ञापन में यह मांग की है कि-
1.इस कब्जे करवाने के जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्यवाही कब होगी? 2. अवैध कब्जे को कब तोड़ा जाएगा? 3.कब्जा धारियों के खिलाफ न्यायिक /आपराधिक प्रकरण कब दर्ज होगा? क्योकि इन्होंने 420 कर शासकीय जमीन कब्जा किया है, अवैधानिक निर्माण किया है और जमीन को भी बेचा है ।
4.सम्पूर्ण दोनों जमीन खसरा नंबर बड़े झाड़ का जंगल 141/1कुल 20 एकड़ व आबादी भूमि 1/388 कुल शेष बची लगभग 5 एकड़. का नाप जोख मेरी उपस्तिथि में करवा चिन्हांकित कर सुरक्षित कब किया जाएगा? 5. वार्ड क्रमांक 2 में कब्जे धारियों को लाभ पहुंचाने लायी जा रही पौनी पसारी योजना के जगह चयन को स्थगित करना व उस समस्त शासकीय जमीन को नाप जोख कर सुरक्षित कर अपने कब्जे में शासन कब लेगा?
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6. दोनों जमीनों पर तत्काल कार्यवाही पश्चात पूरे बागबाहरा नगर में खाली पड़ी व खंबे गड़ाये शासकीय जमीनों को सुरक्षित व संरक्षित करने तत्काल कार्य योजना बना कार्यवाही कब तक की जावेगी? 7.बागबाहरा वार्ड नम्बर 11 के बाजार का नाम गरीबों के मिट्टीतेल चोरी/अफरातफरी में संलग्न व्यक्ति के नाम पर रखने की कोशिश चल रही है क्या ये जायज है कि परिषद ऐसा कोई असंवैधानिक फैसला ले किसी दो नम्बरीया को उपकृत करे,बल्कि बाजार का नाम शासकीय नियमानुसार उसी मोहल्ले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ताम्रपत्र प्राप्त सिक्ख समाज के व्यक्ति के नाम पर रखा जाय ।
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अंकित ने अंत में कहा कि यदि इन मांगों पर तत्काल कार्यवाही नही
की जाती है तो वो इसकी शिकायत विधानसभा के मानसून सत्र के
दौरान नगरीय प्रशाशन मंत्री, प्रभारी मंत्री व अंत में मुख्यमंत्री से भी करेंगे ।
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