प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि परीक्षा में अच्छे अंक ही सबकुछ नहीं हैं इसलिए विद्यार्थियों को इस सोच से बाहर निकलना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य नई चीजें सीखने का केवल एक तरीका है और विदयार्थियों को ज्यादा से ज्यादा ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। प्रधानमंत्री अपने परीक्षा पे चर्चा-2020 कार्यक्रम में नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में विद्यार्थियों, अध्यापकों और अभिभावकों से बातचीत कर रहे थे।
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एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि विफलता में भी सफलता का रास्ता ढूंढा जा सकता है। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान पढ़ाई के अलावा अन्य कारणों से भी परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने पठन पाठन के अलावा अन्य गतिविधियों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियां में भाग नहीं लेने से व्यक्ति रॉबोट की तरह हो जाता है।
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उन्होंने कहा कि अस्थाई विफलता का यह मतलब नहीं है कि सफलता आपका इंतजार नहीं कर रही है, वास्तव में विफलता का मतलब है कि आपका सबसे अच्छा योगदान आना अभी बाकी है। उन्होंने विद्यार्थियों से चन्द्रयान-2 का अनुभव साझा किया और कहा कि वे वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना करते हैं, जिन्होंने देश की आकांक्षाओं को पूरा करने के भरपूर प्रयास किए। पीएम मोदी ने कहा कि प्रत्येक विफलता से व्यक्ति कुछ सीखता है।
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प्रधानमंत्री का परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का यह तीसरा संस्करण है। आज के कार्यक्रम में देश भर के दो हजार से अधिक विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावक भाग ले रहे हैं।
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