शाला में बच्चों की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन आदि के लिए पहले से तैयार रहने हेतु राज्य में शाला सुरक्षा योजना संचालित की जा रही है। जिलों में जिला शिक्षा अधिकारी इस योजना के नोडल अधिकारी हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम की उपस्थिति में स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में योजना का प्रस्तुतिकरण किया गया। श्री टेकाम ने कहा कि सभी शालाओं में सुरक्षा योजना तैयार की जाए.
प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि योजना के तहत शाला सुरक्षा की दृष्टि से शालाओं में बेसलाइन आंकलन कर विभिन्न प्रकार की आपदाओं का आंकलन और उससे निपटने के लिए वर्तमान में उपलब्ध संसाधन की जानकारी, शाला में सुरक्षा ऑडिट और आपदा प्रबंधन योजना तैयार करवाना, शिक्षकों एवं बच्चों का सुरक्षा की दृष्टि से क्षमता विकास, मॉक ड्रिल का अभ्यास करवाया जाए। बच्चों के लिए पाठयक्रम में आपदा प्रबंधन से संबंधित जानकारियों को शामिल किया जाए। सभी शालाओं में शाला सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियों का प्रदर्शन तथा शाला सुरक्षा आपदा प्रबंधन समिति का गठन कर जिम्मेदारियां सौपी जाएं.
योजना के प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि राज्य में विभिन्न प्रकार की- स्वच्छ पेयजल, आंधी-तूफान, बाढ़, सड़क दुर्घटना, सर्प काटना, यौन उत्पीड़न, प्रदूषण, लू लगना, आग से बचाव, मध्यान्ह भोजन, बिजली कड़कना, नक्सल दुर्घटना, नौका दुर्घटना, भवन गिरना, पोषक आहार, मधुमक्खी से बचाव, जानवरों से बचाव, खुला बोरिंग, भीड़ से बचाव, औद्योगिक प्रदूषण, जमीन धसकना, बिजली करन्ट, खदान, बाल अधिकार, ठंड से बचाव जैसी सम्भावित आपदाएं हैं.
योजना के तहत जिला स्तरीय अधिकारियों से अपेक्षाएं की गई है कि सभी शालाओं में राज्य द्वारा तैयार और वहां उपलब्ध करवाये गए ई-सुरक्षा पठन सामग्री को उपलब्ध करवाएं, प्रत्येक शाला से कम से कम एक शिक्षक को आपदा प्रबंधन पर ऑनलाइन प्रशिक्षण में शामिल करवाएं। सभी शालाओं में सुरक्षा ऑडिट और शाला सुरक्षा योजना तैयार करवाएं। शिक्षक प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक विकासखंड से दो-दो मास्टर ट्रेनर्स का चयन कर शिक्षण प्रशिक्षण का आयोजन किया जाए.
राज्य स्तर पर नीतिगत निर्णय में शालाओं में सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त पोस्टर डिजाईंन कर उपलब्ध करवाया जाए। शिक्षकों केे प्रशिक्षण के लिए आवश्यक व्यवस्था और बजट दिया जाए। पाठयपुस्तकों में शाला सुरक्षा और आपदा प्रबंधन पर सामग्री उपलब्ध करवायी जाए। सभी शालाओं में सुरक्षा ऑडिट और मॉकड्रिल आदि के आयोजन हेतु निर्देश दिए जाए। विभिन्न स्थानीय भाषा में तैयार शाला सुरक्षा मार्गदर्शिका को मुद्रित कर उपलब्ध करवाया जाए।