महासमंद। अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला लिया जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ ने छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा अनदेखी किए जाने पर यह निर्णय छत्तीसगढ़ प्रांत के पदाधिकारियों के द्वारा लिया गया।
छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष पद्मावती साहू के निर्देशानुसार, प्रांत उपाध्यक्ष सुधा रात्रे और जिला अध्यक्ष सुलेखा शर्मा ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि आगामी 6 फरवरी को अपनी 6 सुत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर पूरे प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका उतर रही है।
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जारी विज्ञप्ति में बताया है कि 23 जनवरी से 27 जनवरी तक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के संयुक्त मंच ने रायपुर राजधानी में महापड़ाव का फैसला लिए था। राज्य सरकार ने 5 दिन के महापड़ाव की अनुमति नहीं दी और शासन से मात्र 2 दिन महापड़ाव की अनुमति मिली थी। 2 दिन महापड़ाव कर पूरे प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ से 3 दिन का शेष हड़ताल घर बैठे पूरा किया था।
इसी बीच छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया के प्रतिनिधि से बातचीत के दौरान यह आश्वासन दिया गया था कि राज्य सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के हक में जल्द से जल्द फैसला ले रही है, लेकिन 11दिन बीत जाने के बाद भी अब तक छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की ओर से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं के हक में कोई भी फैसला नहीं लिया गया। लिहाजा छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को सरकार ने विवश कर दिया है।
गौरतलब है कि 5 दिन कि महापड़ाव को पूरा करने के बाद छत्तीसगढ़ संयुक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ के कुछ बहनों ने यह हड़ताल जारी रखा है। पूरे प्रदेश भर में जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के हड़ताल में चले जाने के बाद आंगनबाड़ी में अब ताले लटकेंगे, और इसकी संपूर्ण जवाबदारी राज्य सरकार की होगी।