“पापी पेट के लिए”राष्ट्रीय स्तर के तैराक गोपाल चला रहा है चाय की दुकान

साभार ANI

बिहार: राष्ट्रीय स्तर के तैराक गोपाल यादव, जिन्होंने कई पदक जीते थे, काजीपुर, पटना में चाय की दुकान चलाते हैं, जिससे वे कहते हैं, ‘मैंने नौकरी के लिए (for job)कुछ जगहों पर आवेदन (application)किया था, लेकिन सभी को रिश्वत (bribe) चाहिए थी. मेरे 2 बेटे हैं, दोनों हैं अच्छे तैराक (Good swimmers)लेकिन उन्होंने मेरी हालत (condition)देखकर तैरना छोड़ दिया ‘

https;-वन विभाग की सक्रियता से लगभग 70 लाख रूपए कीमत के दो हाथी दांतों की बरामदगी

https;-धान के अवैध भंडारण एवम परिवहन पर हो रही है कार्यवाही 570 क्विंटल धान ज़ब्त

गोपाल यादव ही नही ऐसे कई खिलाड़ी भी है जो देश-प्रदेश का नाम रोशन किए है पर आज गुमनामी की जिन्दगी बसर (Life of oblivion)कर रहे है एक खिलाड़ी देश-प्रदेश के लिए पदक पाने की चाह में अपना सबकुछ लगाकर मेहनत (Hard work)करता है और मेडल जीतकर देश-प्रदेश का नाम रोशन करता है जिसपर कभी देश-प्रदेश गर्व करता है.लेकिन बाद में वहीं “पापी पेट के लिए” (“For sinful stomach”)गुमनामी की जिंदगी जीने (Life of oblivion)को मजबूर हो जाता है.खिताब पाए खिलाड़ीयों के लिए एक वक्त ऐसा  भी आता है कि जब पाई-पाई का मोहताज (Enchanted) हो जाता है.

हमसे जुड़े :-

Twitter :https://mobile.twitter.com/DNS11502659

Facebook https://www.facebook.com/dailynewsservices/

 WatsApp https://chat.whatsapp.com/FLvSyB0oXmBFwtfzuJl5gU