महासमुंद-पूर्व के शासन में छत्तीसगढ़ प्रदेश में निवासरत अनु जाति, अनु जन जाति ,पिछड़ा वर्ग समाज जो संविधान में आरक्षण के दायरे में आते है उन समाज के लोगो के जाति प्रमाण पत्र बनाने में अनेक कठिनाईयो का सामना करना पड़ता था. इस कठिनाईयो को संज्ञान में लेते हुए प्रदेश शासन के मुखिया भूपेश बघेल ने जाति प्रमाण पत्र निर्माण में सरलीकरण का आदेश दिया है, जिसके लिए उक्त समस्त समाज उनका आभारी है.उक्त बातें प्रदेश महिला कांग्रेस सचिव पार्षद राशि महिलांग ने जारी विज्ञप्ति में कही है.
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पार्षद महिलांग ने आगे कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने आरक्षण के दायरे में आए समाज अनु जाति, जन जाति, पिछड़ा वर्ग के लोगो के शोषण के उद्देश्य से जाति प्रमाण पत्र बनाने में अनेक प्रपत्रों के समावेश कर प्रमाण पत्र बनाने में कठिनाई पैदा कर दी थी.उस समय के शासन का मूल उद्देश्य उक्त सभी समाजो को दबे कुचले ही रखे रहने की मंशा थी, इस कठिनाई को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जाति प्रमाण पत्र के सरलीकरण का आदेश पारित किया है.
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जारी आदेश में कम और आसानी से बनाए जाने वाले प्रपत्रों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बन जाएगा व प्रमाण पत्र निर्माण से उक्त समाज के लोग सरकारी योजनाओं ,
सेवाओ के लाभ के पात्र आरक्षण के दायरे में आकर ले सके व
शासकीय योजनाओं का लाभ प्राप्त कर अपने जीवन और प्रदेश को
प्रगति के निर्माण में ला सके. पार्षद महिलांग ने मुख्यमंत्री के इस
ऐतिहासिक निर्णय पर आभार जताते हुए आशा जताई कि
उक्त समाजो के हितों व विकास की दिशा में सदैव कार्य करते रहेंगे.
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