दिल्ली-भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून के अगले 24 घंटों में दक्षिण अरब सागर के बाकी हिस्सों, मध्य अरब सागर के कुछ हिस्सों, केरल व लक्षद्वीप के बाकी हिस्सों, तमिलनाडु व पुडुचेरी के कुछ व हिस्सों, तटीय व दक्षिण भीतरी कर्नाटक के कुछ हिस्सों, रायलसीमा व दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ने की संभावना है।
मानसून की उत्तरी सीमा अक्षांश 10°उत्तर/देशांतर 60° पूर्व, अक्षांश 10° उत्तर/देशांतर 70° पूर्व, कोच्चि, पलायमकोट्टई, अक्षांश 90°उत्तर/देशांतर 80° पूर्व, अक्षांश 12°उत्तर/देशांतर 85°पूर्व, अक्षांश 14°उत्तर/देशांतर 90°पूर्व और अक्षांश 17°उत्तर/देशांतर 94° पूर्व से लगातार गुजर रही है। इसके अलावा देश के विभिन्न भागो में चक्रवाती परिसंचरण तंत्र बना हुआ है ।
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पश्चिमी विक्षोभ मध्य और ऊपरी क्षोभमंडल में एक कम दबाव के क्षेत्र के रूप में समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर ऊपर अपनी धुरी के साथ अब अक्षांश 28°उत्तर के उत्तर में लगभग देशांतर 74°पूर्व के साथ चल रहा है। एक चक्रवाती परिसंचरण मध्य पाकिस्तान और इसके आस-पास के क्षेत्र पर बना है और औसत समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक स्थित है।
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एक चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी छत्तीसगढ़ और इसके आस-पास के क्षेत्र पर बना है और औसत समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक स्थित है। वही एक चक्रवाती परिसंचरण कर्नाटक तट से दूर पूर्व-मध्य अरब सागर पर बना है और औसत समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। कर्नाटक केरल के तटों से दूर समुद्र तल पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।
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इसके अलावा एक चक्रवाती परिसंचरण तंत्र भूमध्यरेखीय हिंद महासागर और दक्षिणी बंगाल की खाड़ी के आस-पास के मध्य हिस्सों पर बना है और औसत समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर से 4.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर ऊपर अक्षांश 8°उत्तरी के साथ अत्यंत दक्षिणी प्रायद्वीप में दक्षिण-पश्चिम अरब सागर से दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक पूर्वी पश्चिम एक कर्तन क्षेत्र (शियर जोन) बना हुआ है। तेलंगाना से दक्षिण तमिलनाडु तक उत्तर-दक्षिण कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और औसत समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है।