माघ मास की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी (सकट चौथ) कहा जाता है। इस दिन महिलायें व्रत रखती हैं। माताएं अपने पुत्र की सलामती के लिए व्रत रखती हैं। इस बार संकष्टी चतुर्थी 31 जनवरी को होगी। गणेश मंत्र का जप करते हुए 21 दूर्वा गणेश जी को अर्पित करनी चाहिए ओर यह मंत्र का जाप करते रहना चाहिए “ॐ गं गणपतये नमः” साथ ही भगवान गणेश जी को बूंदी ओर तिल के लड्डूओं का भोग लगाना चाहिए।
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इस दिन माताएं गणेश जी की पूजा कर भगवान को भोग लगाकर कथा सुनती हैं। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही गणेश जी का व्रत संपन्न होता है। इस दिन देश के कई हिस्सों में तिलकूट का पहाड़ बनाकर उसको भी काटे जाने का रिवाज है। सकट चौथ के दिन गणेश जी के संकटमोचन स्तोत्र का पाठ करना भी अच्छा माना जाता है।
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सकट चौथ के दिन भगवान गणेश के साथ चंद्रदेव की पूजा भी की जाती है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। रात में चंद्रमा देखने पर अर्घ्य देती हैं और पूजा करती हैं। इस दौरान छोटा सा हवन कुंड तैयार किया जाता है। हवन कुंड की परिक्रमा करके महिलाएं चंद्रदेव के दर्शन करती हैं और अपने बच्चों के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।(साभार सोशल मीडिया)
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