नई दिल्ली-सतत जीवन के गांधीवादी आदर्श को प्रोत्साहन देने और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आईआईटी मुम्बई के सहयोग से नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 2 अक्टूबर, 2019 को विश्व छात्र सौर सभा का आयोजन करेगा। इंदिरा गांधी स्टेडियम परिसर, नई दिल्ली में दिनभर चलने वाले इस आयोजन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तथा दिल्ली के संस्थानों के 10,000 से अधिक छात्र हिस्सा लेंगे। इन छात्रों के साथ उनके प्रशिक्षक भी रहेंगे, जो सोलर स्टडी लैम्प तैयार करने में मौके पर उन्हें प्रशिक्षित करेंगे।
जलवायु परिवर्तन के भीषण खतरे के मद्देनजर विश्व पर्यावरण तथा सतत जीवन के बारे में गांधीवादी आदर्शों को अपना रहे हैं। गांधी जी के अहिंसावादी विचार मानव सहित पर्यावरण के लिए भी अत्यंत प्रासंगिक हैं। उनका कहना था, ‘धरती के पास मनुष्य की हर आवश्यकता को पूरा करने के पर्याप्त साधन हैं, परन्तु हर व्यक्ति की लालसा पूरी करने के लिए नहीं।’ जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करने के लिए गांधी जी की यही उक्ति हमारे लिए मार्गदर्शक सिद्धांत होनी चाहिए। जलवायु परिवर्तन से मुकाबला करना भारत की आस्था भी है और प्रतिबद्धता भी। भारत 2030 तक कार्बन सघनता को 30-35 प्रतिशत तक कम करने तथा 2022 तक 150 गीगावॉट और 2040 तक 450 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस कार्यशाला का उद्देश्य युवाओं को ऊर्जा वहनीयता और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है। अपने सोलर लैम्प तैयार करने की प्रतिक्रिया के दौरान छात्र आत्मनिर्भरता की अवधारणा से भी परिचित होंगे। यह विचार भी महात्मा गांधी को भी बहुत प्रिय रहा है। कार्यक्रम के अंत में सभी छात्र महात्मा गांधी की स्मृति में अपने द्वारा निर्मित सोलर लैम्प जलाएंगे और पर्यावरण के प्रति अहिंसा की शपथ लेंगे।
इस कार्यशाला के दौरान 2 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का प्रयास होगा। इसके तहत एक ही स्थान पर अधिसंख्य भागीदार वहनीयता का पाठ सीखेंगे और बड़ी संख्या में एक साथ सोलर लैम्प जलाए जायेंगे।
नई दिल्ली के आयोजन के अलावा इसी तरह की कार्यशालाएं भारत के अन्य शहरों और विदेशों में भी आयोजित की जायेंगी। संभावना है कि इस एक दिवसीय विश्व आयोजन में 60 देशों के 10 लाख से अधिक छात्र हिस्सा लेंगे। ये छात्र हरित ऊर्जा के प्रचार-प्रसार के लिए नवीकरणीय ऊर्जा दूत के रूप में कार्य करेंगे।