महासमुंद-प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा राज्य के कृषको के लिए एक अह्म निर्णय लिया है छत्तीसगढ़ में अब लाख की खेती को कृषि का दर्जा मिलेगा इस निर्णय से लाख उत्पादक कृषको अब अल्पकालीन कृषि ऋण की सुविधा भी मिलेगी राज्य में लाख की खेती से जुड़े हुए लगभग 50,000 कृषको को इससे फायदा होगा।
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ज्ञात हो कि लाख उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश का सबसे बड़ा लाख उत्पादक राज्य है। लाख की दो फसलें होती हैं। एक को कतकी-अगहनी कहते हैं तथा दूसरी को बैसाखी-जेठवीं कहते हैं। जून-जुलाई में कतकी-अगहनी की फसल के लिए और अक्टूबर नवंबर में बैसाखी-जेठवी फसलों के लिए लाख बीज बैठाए जाते हैं। अगहनी और जेठवी फसलों से प्राप्त कच्चे लाख को ‘कुसुमी लाख’ तथा कार्तिक एवं बैसाख की फसलों से प्राप्त कच्चे लाख को ‘रंगीनी लाख’ कहते हैं। अधिक लाख रंगीनी लाख से प्राप्त होती है, जबकि कुसमी लाख से प्राप्त लाख अच्छी किस्म की होती है।
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