महासमुंद:-जिले के प्रसिद्ध लघु कथाकार महेश राजा की लघु कहानी वे अजनबी,अँधेरा उजाला,लेखक मित्र और शाही भरवां बैंगन व् धूमिल आकृति पाठकों के लिए उपलब्ध है -बारिश हो रही थी।तालाब में पानी भरने लगा था।शाम होते ही मेढ़कों ने टर्राना शुरु कर दिया था। मेंढ़की ने अपने मेंढ़क से कहा-,क्यों जी। यदि अपने तालाब में चुनाव होने लगे तो क्या तुम चुनाव लडोगे? मेंढ़क संयत स्वर मे बोले,-डियर?साँपों के रहते हुए मुझे कौन टिकट देगा?.
कान्वेन्ट कल्चर
कान्वेन्ट स्कूल मे नौंवी कक्षा के छात्र ने आठवीं कक्षा की एक छात्रा को प्रेमपत्र लिखा,छात्रा ने इसकी शिकायत स्कूल के फादर को की। फादर ने छात्र को बुलाया और तुरन्त पचास रूपये जुर्माना करते हुए ताकीद की,”कान्वेन्ट मे पढते हो…. पत्र अंग्रेज़ी में लिखा करो।”
बिजनेस
पड़ौस के बच्चे आपस में बात कर रहे थे।एक बच्चा विशेष प्रजाति के डागी के साथ था।उसके पापाजी ने दो लाख रूपये की बाईक ली थी।वे आश्चर्य चकित हुए।जमाना कहाँ से कहाँ पहुँच गया।वे अपनी सायकिल देख रहे थे।मात्र छह सौ रूपयों की थी।बच्चे आपस में फुसफुसा रहे थे।सामने वाला बच्चा कह रहा था।इस अंकल को देखो।उनके पास तो न कार है न बाईक।डागी वाला बच्चा हँसा,-"यह अंकल इतनी महंगी बाईक ले भी नहीं पायेंगे।वे एक आफिस में सर्विस जो करते है।मेरे पापाजी की बात अलग है।वे शराब का बिजनेस करते है।
मानव धर्म
रीमा सुबह जल्दी उठकर पूजा पाठ आदि से निवृत होकर क्रिस्मस टी् सजा रही थी।अवि पास आकर खड़ा हो गया-"मम्मी आप यह सब क्यों कर रही है।हम तो हिंदू है न।होली और दिवाली मनाते है।"रीमा ने कहा-",ऐसा नहीं कहते बेटू।हमें हर धर्म और त्यौहारों का आदर करना चाहिए।"फिर वे बताने लगी आज भगवान यीशु का जन्मदिन है।उन्होंने पूरे जगत में दया भाव और एकता का पाठ पढ़ाया। और बेटा सबसे बड़ा धर्म तो मानव धर्म होता है।
हमें हर प्राणी जन और दीन हीन पर दया का भाव रखना चाहिए।अच्छा चलो।नहा लो।मैं तुम्हारे लिये तुम्हारी पसंद का चाकलेट केक बनाती हूँ।फिर हम महान यीशु को याद कर केक काटेंगे।फिर आज तो सांताक्लॉज भी आयेंगे।तुम जो विश माँगोगे।वे पूरी करेंगे।पर,हाँ सच्चे ह्रदय से उन्हें याद करना होगा। अवि खुश हो गया।एक अच्छे बच्चे की तरह तैयार होने चला गया।
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