भोपाल-मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में बाढ़ एवं कीट-व्याधि से प्रभावित हुए किसानों को हर हालत में पूरी सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। किसानों को उनकी खराब हुई पूरी फसल का मुआवजा दिलाया जाएगा। यद्यपि प्रदेश में कोविड संकट के चलते अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब है, परंतु किसानों की मदद में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
प्रदेश को पर्याप्त सहायता राशि उपलब्ध करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं अन्य मंत्रीगण से अनुरोध किया गया है। इसके लिए शीघ्र ही प्रदेश के मंत्रियों एवं अधिकारियों का दल केंद्र सरकार में फॉलोअप के लिए भेजा जाएगा। किसानों को यथाशीघ्र पर्याप्त सहायता राशि मिलेगी। किसान बिल्कुल चिंता न करें, मध्यप्रदेश सरकार पूरी तरह से उनके साथ है।
मुख्यमंत्री चौहान आज मंत्रालय में प्रदेश में बाढ़ एवं कीट-व्याधि से फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में कृषि मंत्री कमल पटेल, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त के.के. सिंह, प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी, प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा फसलों की 33 प्रतिशत या अधिक क्षति होने पर मुआवजा दिया जाता है, जबकि राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत या अधिक क्षति पर ही किसानों को मुआवजा उपलब्ध कराया जाता है। प्रदेश में बाढ़ एवं कीट व्याधि से लगभग 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई हैं, जिनके लिए लगभग 4000 करोड़ रुपए का मुआवजा संभावित है।
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गत वर्ष प्रदेश में लगभग 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें खराब हुईं थी तथा किसानों को 2000 करोड़ रुपए का मुआवजा वितरित किया गया था। प्रदेश में फसलों को हुई क्षति का सर्वे कार्य पूर्ण हो गया है। इस संबंध में केंद्र सरकार का दल भी प्रदेश आया था, जो सर्वे कर वापस चला गया है। मुख्य सचिव बैंस ने बताया कि केंद्रीय सर्वे दल ने फसलों की क्षति के सर्वे के दौरान प्रदेश में रिकॉर्ड कीपिंग के कार्य को परफेक्ट माना।
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प्रदेश में बाढ़ एवं कीट से फसलों का 39 लाख 95 हजार हेक्टेयर रकबा प्रभावित हुआ है। इसमें से 37 लाख हेक्टेयर रकबे में 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ है। केंद्र सरकार से 34 लाख 87 हजार हेक्टेयर रकबे में फसलों को हुए नुकसान के लिए 2487 करोड़ 21 लाख रुपए की सहायता राशि की मांग की गई है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों को अच्छी किस्म का चने का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। अतः किसान तिवड़ा मिश्रित बीज न बोयें।
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