Home खास खबर पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय:-

पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय:-

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ‘सबका साथ-सबका विश्वास’ के अपने मंत्र को पुनः चरितार्थ किया

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फ़ाइल् फोटो

दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए है जिसमे से सार्वजनिक क्षेत्र की तीन सामान्य बीमा कंपनियों- ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (ओआईसीएल), नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (एनआईसीएल) और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (यूआईआईसीएल) की मदद के लिए कुल 12,450 करोड़ रुपए (वर्ष 2019-20 में दिए गए 2,500 करोड़ रुपए सहित) की पूंजी देने को मंजूरी दे दी है।

इनमें से 3,475 करोड़ रुपये की राशि तत्काल जारी कर दी जाएगी जबकि बाकी 6,475 करोड़ रुपए बाद में जारी किए जाएंगे। कैबिनेट ने इस पूंजी की उपलब्धता को प्रभावी करने के लिए एनआईसीएल को 7,500 करोड रुपए तक जबकि यूआईआईसीएल तथा ओआईसीएल को 5000 करोड़ रुपए तक अधिकृत शेयर पूंजी में बढ़ोतरी को भी स्वीकृति दी है। इसके अलावा, मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए इनकी विलय की प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है और इसकी जगह इनके लाभदायक विकास पर ध्यान दिया जाएगा।

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तीन सामान्य बीमा कंपनियों जैसे ओआईसीएल एनआईसीएल और यूआईआईसीएल को इस पूंजी प्रवाह के पहले हिस्से के रूप में मौजूदा वित्त वर्ष में 3,475 करोड रुपए का आवंटन कर दिया जाएगा और शेष राशि बाद में एक या दो हिस्सों के रूप में जारी की जाएगी। इस पूंजी प्रवाह को प्रभावी बनाने के लिए एनआईसीएल की अधिकृत पूंजी बढ़ाकर 7,500 करोड़ रुपए और यूआईआईसीएल तथा ओआईसीएल की अधिकृत पूंजी बढ़ाकर क्रमश: 5,000 करोड़ रुपए कर दी जाएगी।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधान मंत्री आवास योजना- शहरी (पीएमएवाई-यू) के अंतर्गत एक उप-योजना के रूप में शहरी प्रवासियों/गरीबों के लिए कम किराये वाले आवासीय परिसरों के विकास के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है, जो इस प्रकार है 

मंत्रीमंडल ने वर्तमान में खाली पड़े सरकार द्वारा वित्तपोषित आवासीय परिसरों को 25 साल के लिए रियायत (कन्सेशन) समझौते के माध्यम से एआरएचसी में परिवर्तित कर दिया जाएगा। कन्सेशनेर को कमरों की मरम्मत/पुराना रूप देकर (रिट्रोफिट) और पानी, निकासी/सेप्टेज, स्वच्छता, सड़क आदि आधारभूत ढांचे से जुड़ी कमियों को दूर करके परिसरों को रहने लायक बनाना होगा। राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से कन्सेशनेर (कंपनी) का चयन करना होगा।

इन परिसरों को पहले की तरह नया चक्र शुरू करने या खुद ही चलाने के लिए 25 साल के बाद यूएलबी को लौटाना होगा।
25 साल के लिए उपलब्ध अपनी खाली जमीन पर एआरएचसी के विकास के लिए निजी/सार्वजनिक इकाइयों को स्वीकृति का उपयोग, 50 प्रतिशत अतिरिक्त एफएआर/ एफएसआई, प्राथमिक क्षेत्र उधारी दर पर रियायती कर्ज, किफायती आवास से जुड़ी कर राहत आदि विशेष प्रोत्साहनों की पेशकश की जाएगी।

एआरएचसी के अंतर्गत विनिर्माण उद्योगों, आतिथ्य सेवा, स्वास्थ्य क्षेत्र में सेवा प्रदाताओं, घरेलू/व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और निर्माण या अन्य क्षेत्रों में लगे अधिकांश कार्यबल, कामगार, विद्यार्थी आदि लक्षित लाभार्थी होंगे, जो ग्रामीण क्षेत्रों या छोटे शहरों से आते हैं और बेहतर अवसरों की तलाश में हैं।

तकनीक नवाचार अनुदान के रूप में इस पर 600 करोड़ रुपये की धनराशि का व्यय होने का अनुमान है, जो निर्माण के लिए चिन्हित नवाचार तकनीक का उपयोग करने वाली परियोजनाओं के लिए जारी की जाएगी। एआरएचसी के अंतर्गत शुरुआती तौर पर लगभग तीन लाख लाभार्थियों को कवर किया जाएगा।

एआरएचसी से शहरी क्षेत्रों में कार्यस्थल के नजदीक सस्ते किराये वाले आवासों की उपलब्धता के अनुकूल एक नया इकोसिस्टम तैयार होगा। एआरएचसी के अंतर्गत निवेश से रोजगार के नए अवसर पैदा होने का अनुमान है। एआरएचसी से अनावश्यक यात्रा, भीड़भाड़ और प्रदूषण में कमी आएगी।

सरकार द्वारा वित्तपोषित खाली पड़े आवासों को किफायती उत्पादक उपयोग के लिए एआरएचसी में कवर किया जाएगा। इस योजना से अपनी खाली पड़ी जमीन पर एआरएचसी के विकास करने की दिशाओं में इकाइयों के लिए अनुकूल माहौल तैयार होगा और किराये वाले आवासीय क्षेत्र में उद्यमशीलता को प्रोत्साहन मिलेगा।

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने उज्‍ज्‍वला लाभार्थियों के लिए ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना’ के लाभ लेने की समय सीमा 1 जुलाई 2020 से तीन महीने के लिए बढ़ाने के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी है।

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सरकार ने ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्‍याण योजना’ नाम से एक राहत पैकेज घोषित किया था जिसका उद्देश्‍य गरीबों और समाज के ऐसे उपेक्षित लोगों को सुरक्षा कवच प्रदान करना था जो महामारी से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। पैकेज में उन गरीब परिवारों के लिए राहत को भी शामिल किया गया था जिन्‍होंने पीएमयूवाई के अंतर्गत एलपीजी कनेक्‍शन की सुविधा प्राप्‍त की थी। पीएमजीकेवाई-उज्‍जवला योजना के अंतर्गत मंत्रिमंडल ने यह फैसला किया गया कि पीएमयूवाई के उपभोक्‍ताओं को 01 अप्रैल 2020 से 3 महीने की अवधि के लिए मुफ्त रीफिल सिलेंडर दिए जाएं।

योजना के अंतर्गत अप्रैल-जून 2020 के दौरान उज्‍जवला लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 9709.86 करोड़ रुपये हस्‍तांतरित किए गए और पीएमयूवाई लाभार्थियों को 11.97 करोड़ सिलेंडर दिए गए। इस योजना से कोरोना वायरस महामारी के कारण लोगों को होने वाले कष्‍टों और अड़चनों को दूर करने में मदद मिलेगी।

मंत्रिमंडल ने योजना की समीक्षा करने पर यह पाया गया कि पीएमयूवाई लाभार्थियों का एक वर्ग योजना अवधि के भीतर रीफिल सिलेंडर खरीदने के लिए उनके खाते में जमा की गई अग्रिम राशि का इस्‍तेमाल नहीं कर सका है। मंत्रीमंडल ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के उस प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी जिसमें अग्रिम प्राप्‍त करने की समय-सीमा बढाने की बात कही गई थी। इससे पीएमयूवाई के उन लाभार्थियों को फायदा मिलेगा जिनके खाते में सिलेंडर खरीदने के लिए अग्रिम राशि जमा की गई है, लेकिन वे रीफिल नहीं खरीद पाए हैं। अत: जिन लाभार्थियों के खाते में अग्रिम राशि हस्‍तांतरित की जा चुकी है वे 30 सितम्‍बर तक मुफ्त रीफिल सिलेंडर की डिलीवरी ले सकते हैं।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्‍न योजना

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सांकेतिक फोटो

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्‍न योजना की अवधि पांच महीने और बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज नई दिल्‍ली में बताया क इस योजना के अन्‍तर्गत लाभार्थी परिवार के प्रत्येक सदस्य को पांच किलोग्राम गेहूं या चावल और प्रत्येक परिवार को एक किलोग्राम चना पांच महीने के लिए दिया जाएगा। उन्‍होंने बताया कि इस योजना से देश के करीब 80 करोड़ लोगों को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने की 30 तारीख को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में इस योजना की अवधि बढ़ाये जाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि देश में गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति भूखे नहीं रहेंगे और मौजूदा कोविड महामारी के समय बारिश और आने वाले त्योहारों के मौसम के दौरान उन्‍हें मुफ्त राशन प्रदान किया जाएगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने देशव्यापी लॉकडाउन शुरू होने के तुरंत बाद योजना के पहले चरण की घोषणा की थी। पहले चरण के तहत इस साल अप्रैल से तीन महीने के लिए मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया गया था। दूसरा चरण, पहली जुलाई से शुरू होकर 30 नवंबर तक चलेगा। इस चरण के दौरान दो सौ लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं-चावल और 9 लाख 78 हजार मीट्रिक टन चना वितरित किया जाएगा।

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