महासमुंद- जिला प्रशासन की पहल से महिलाओ के हुनर का पहचान कर उनके हुनर का उपयोग कर आर्थिक सक्षमता पाने का एक सुनहरा अवसर मिला, जिसके परिणाम स्वरूप महिलाओ के हुनर को आजीविका से जोड़ने का बड़ा मंच प्राप्त हुआ.विकास खंड महासमुंद तथा बसना के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन व नाबार्ड के ई-शक्ति परियोजना से जुड़े स्व सहायता समूहो द्वारा सामाजिक संस्था निदान के मार्गदर्शन मे जिला अस्पताल के कोरोना हास्पिटल के लिए यूनिफ़ार्म तैयार किया जा रहा है.
वर्तमान स्थिति मे जहां चारो ओर जनजीवन अस्त व्यस्त है, कोरोना के दखल से रोजगार तथा स्वरोजगार पूर्ण रूप से रुक सा गया है, ऐसी दशा मे बीमारी के भय के साथ साथ आर्थिक समस्या एक बड़ी चुनौती के रूप मे सामने आया है, इस परिस्थिति से उबरने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन व नाबार्ड के ई-शक्ति परियोजना के सहयोग से समूह की महिलाओं को काम मिल पा रहा है.
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सामाजिक संस्था निदान के मार्गदर्शन से महिलाओ द्वारा प्रतिदिन लगभग तीन जोड़े कपड़े तैयार किया जा रहा है.जिसका महिलाओ को 120 रु. प्रति जोड़े के हिसाब से कुल 360 रु लाभ हो रहा है.उपरोक्त गतिविधि मे महिलाओ के आर्थिक सक्षमता के परिणाम स्वरूप स्थानीय स्तर पर रोजगार तो मिल रहा है साथ ही उत्पादित सामाग्री की आपूर्ति भी स्थानीय स्तर पर हो रही है.
स्थानीय स्तर पर अवसर और हुनर दोनों की कमी नहीं बस अवसर का पहचान कर हुनर को उसके अनुरूप ढालने की कला एक सार्थक पहल के रूप मे होना चाहिए.स्वैच्छिक संगठन निदान के मार्गदर्शन मे जिले मे महिलाओ के आजीविका उन्नयन से विभिन्न गतिविधि किया जा रहा संस्था द्वारा संचालित गतिविधि की एक बड़ी उपलब्धि यह है महिलाओ के आजीविका गतिविधि मे अधिकतर स्थानीय उत्पादो का उपयोग किया जा रहा है तथा उसके विपप्न व्यवस्था भी संस्था के माध्यम से स्थानीय स्तर पर किया जा रहा है.
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