जीते जी माँ करती थी दान,इसलिए उनकी बरसी में बेटा व् बहू ने किया 210 किलो आटे का दान

अपनी माँ की बरसी को यादगार बनाने और उनकी आत्मा को सुकून देने डोनेशन ऑन व्हील्स को घर बुलाकर पत्नी के साथ मिलकर 210 किलो आटा किया दान

माँ की बरसी पर अन्नदान

रायपुर-कहते हैं दान से बड़ा कोई पुण्य नहीं होता..खास मौके में दान का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसा ही मौका आज था, अक्षय तृतीया का। देवेंद्र नगर में रहने वाले नवीन पाठक की माँ स्वर्गीय  प्रतिमा पाठक की आज बरसी थी।

बेटे को याद है कि जब मां जीवित थी तब आज के दिन वह अपने हाथों से अन्न, जल सहित अन्य सामग्रियों की दान किया करती थी। अपनी माँ की इस परंपरा को बेटे ने भी जारी रखा है।

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चूंकि अभी लॉक डाउन है ऐसे में बेटे को  वर्तमान में ऐसे बहुत से गरीब, बेसहारा है जो फसे हुए है और राहत कैम्पों में है और जिन्हें सहायता की सख्त जरूरत है, की कठिनाईयाँ भी जेहन में आईं । उन्हे रायपुर जिला में कलेक्टर की पहल पर संचालित डोनेशन ऑन व्हील्स की जानकारी भी थी, जिससे जरूरमंद परिवारों तल राशन पहुचाई जा सके।

नवीन पाठक ने जरा भी देरी नहीं की। अपनी माँ की बरसी को यादगार बनाने और उनकी आत्मा को सुकून देने डोनेशन ऑन व्हील्स को घर बुलाया और अपनी पत्नी  विनिता पाठक के साथ मिलकर 210 किलो आटा दान किया। पाठक परिवार की इस सहयोग का कलेक्टर डॉ एस भारतीदासन  और अन्य अधिकारियों ने खूब प्रशंसा की।

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“डोनेशन ऑन व्हील्स”कार्यक्रम को शहरवासियों का पूरा सहयोग मिल रहा है। सभी अपने अपने स्तर पर सहयोग कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस पहल में बड़ों के साथ बच्चे भी भागीदार बन रहे हैं। इस अभियान का नेतृत्व कर रहे नोडल अधिकारी डॉ गौरव कुमार सिंह ने बताया कि एक ओर जहां बच्चे अपने जन्मदिन को यादगार बनाने दान कर रहे है वही कुछ बच्चे गुल्लक में जमा किए अपने पैसे भी दान कर रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने की गई लॉक डाउन की वजह से संकट में फसे गरीबों, बेसहारों और जरूरतमंदों को दान देकर पुण्य कमाने के इस घड़ी में सभी भागीदार बनना चाहते है।
भारतीय संस्कृति में अक्षय तृतीया  दिन का अपना अलग ही महत्व है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति किसी प्रकार का दान करता है,वह अक्षय बना रहता है। नवीन पाठक का मानना है कि हमारे इस दान से माँ की आत्मा को जरूर शान्ति मिलेगी।

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