‘‘स्वास्थ्य विभाग के प्रयोगशाला तकनीशियन ने दिखाई फूर्ती, स्वयं के वाहन पर सफर कर रातों-रात एम्स पहुंचा आए कोरोना जांच के लिए एकत्र किए गए सैंपल‘‘
महासमुंद। कोरोना वायरस और इसके संक्रमण के भयक्रांत माहौल में तत्परता और कर्तव्य निष्ठा से डटा है जिले का स्वास्थ्य अमला। जहां, चिकित्सक और अधिकारी दिन-रात प्रबंधन के कार्य में जुटे हैं वहीं, कर्मचारी भी अव्वल दर्जे की सेवाएं प्रदाय कर हाथ बंटा रहे हैं। ऐसा ही एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है महासमुंद व बागबाहरा के प्रयोगशाला तकनीशियन निकुलाश सिंह और उनके साथी वीरेंद्र चंद्राकर.जिन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे की गंभीरता को समझते हुए अपने सेवा दायित्व निर्वहन में रत्ति भर भी कोई कसर नहीं छोड़ी।
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वे विकासखंड महासमुंद से एक एवं बागबाहरा से चार संदिग्ध मरीजों की नाक एवं गले के स्वाब का नमूना लिया और जांच के लिए तड़के चार बजे ही राजधानी के एम्स अस्पताल में पहुंचा गए। उनकी तत्परता को देख कर सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ आरके परदल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक संदीप ताम्रकार, कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार, डॉ आई नागेश्वर राव, डॉ बीपी सिंह एवं डॉ छत्रपाल चंद्राकर सहित सहकर्मियों ने कार्य के प्रति उनके समर्पण का सम्मान करते हुए इसे अनुरणीय उदाहरण बतलाया।
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24 से 48 घंटों में हो जाती है पुष्टि
डॉ कसार से मिली जानकारी के मुताबिक संदिग्ध मरीज के लक्षणों को देखने के बाद ही कोरोना वायरस संक्रमण जांच के लिए नमूने लिए जाते हैं। जिसे पहले राजधानी स्थित एम्स के अस्पताल में भेजा जाता है। जांच की प्रक्रिया नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ नायरोलॉजी में पूर्ण होती है। वहां से केंद्र व राज्य स्तर पर जानकारी साझा होती है। तकरीबन 24 से 48 घंटों के बीच ही जिला स्तर पर आगामी कार्रवाई के निर्देश मिल जाते हैं।
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— DNS (@DNS11502659) March 26, 2020