दिल्ली-भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र/क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली ने कहा है कि निचले और मध्य क्षोभमंडलीय स्तरों में दक्षिण गुजरात एवं उससे सटे इलाकों के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण और निचले क्षोभमंडलीय स्तरों में एक दूसरा चक्रवाती संचलन पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं उससे सटे इलाकों के ऊपर है।
निचले ट्रोपोस्फेरिक स्तरों पर अरब सागर से मजबूत नम पश्चिमी/दक्षिण–पश्चिमी हवाओं का उच्च अभिसरण 6 जुलाई तक पश्चिम तट पर और उत्तर – पश्चिमी भारत और मध्य भारत के मैदानी इलाकों 3 जुलाई, 2020 तक रहने की पूरी संभावना है। इसके प्रभाव की वजह से, वर्षा की व्यापक से बहुत व्यापक गतिविधि निम्नलिखित तरीके से होगी-
3 से 4 जुलाई को उत्तर कोंकण में; 4 और 5 जुलाई को गुजरात क्षेत्र और 4 जुलाई को मध्य महाराष्ट्र में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना।
2 से 4 जुलाई के दौरान तटीय कर्नाटक में और 4 से 6 जुलाई के दौरान सौराष्ट्र और कच्छ में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना।
अगले 5 दिनों के दौरान मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छिटपुट से लेकर भारी और कहीं–कहीं बहुत भारी वर्षा होने की पूरी संभावना है।
पूर्वोत्तर भारत और पूर्वी भारत में अगले 5 दिनों के दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है। अगले 48 घंटों के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में कहीं– कहीं बहुत भारी वर्षा की संभावना है।
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र एवं इससे सटे उत्तर – पश्चिमी भारत में हल्की वर्षा की गतिविधि अगले 2 दिनों के दौरान जारी रहने की संभावना और उसके बाद इसके वितरण और तीव्रता के बढ़ने की संभावना है।
समुद्र तल पर मानसून का गंगानगर, नारनौल, अलीगढ़, सुल्तानपुर, पटना, रायगंज, शिलांग और इंफाल से होकर गुजरना जारी रहेगा।