तेंलगाना सरकार ने कोविड-19 के कारण बोर्ड परीक्षाएं कराये बिना ही दसवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को अगली कक्षा में भेजने का फैसला किया।
हैदराबाद में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। 5 लाख 34 हजार से अधिक छात्रों को अब स्कूलों द्वारा पहले से दिए गए आंतरिक मूल्यांकन अंकों के आधार पर प्राप्त ग्रेडों के अनुसार पदोन्नत किया जाएगा।
उच्च न्यायालय ने सरकार को कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम क्षेत्र को छोड़कर दसवीं कक्षा के लिए परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया था। तेंलगाना में दसवीं के आधार पर ही छात्रों को इंटरमीडिएट कक्षा के लिए वैकल्पिक विषय दिए जाते हैं। लॉकडाउन शुरू होने से पहले 11 में से तीन पेपरों के लिए परीक्षाएं पहले ही हो चुकी हैं।
दिल्ली के अस्पतालों में अब होगा सबका इलाज
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अरविंद केजरीवाल सरकार के उस आदेश को पलट दिया जिसमें कहा गया था कि कोविड-19 बीमारी के इलाज के लिए दिल्ली सरकार के अस्पतालों में केवल स्थानीय निवासियों को ही भर्ती किया जाएगा।
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राष्ट्रीय राजधानी का निवासी न होने के आधार पर किसी भी रोगी को इलाज से वंचित न किया जाए। इससे पहले, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की थी कि दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में सिर्फ राजधानी में रहने वालों का ही उपचार किया जाएगा और यह व्यवस्था कोविड-19 तक लागू रहेगी।
इसके साथ ही उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार का एक और फैसला बदल दिया है। अब कोरोना के संदिग्ध मरीज भी 5 से 10 दिन के भीतर कोरोना टेस्ट करा सकते हैं।
हमसे जुड़े:
WatsApp https:FLvSyB0oXmBFwtfzuJl5gU