भारत दो साल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुन लिया गया है। 193 सदस्यों वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत को 184 मत मिले।
भारत के साथ-साथ आयरलैंड, मैक्सिको और नॉर्वे भी कल रात सुरक्षा परिषद का चुनाव जीते हैं। भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र से 2021-22 के लिए अस्थायी सदस्यता का उम्मीदवार था। उसकी जीत इसलिए भी तय थी क्योंकि वह इस क्षेत्र से एकमात्र उम्मीदवार था। 55 सदस्यों वाले एशिया-प्रशांत समूह के सदस्यों ने पिछले साल जून में ही भारत की उम्मीदवारी को सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान कर दी थी।
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भारत का दो साल का कार्यकाल अगले साल पहली जनवरी से प्रारंभ होगा। संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में भारत आठवीं बार प्रतिष्ठित सुरक्षा परिषद के लिए निर्वाचित हुआ है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने कहा है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनाव में सदस्य देशों का भरपूर समर्थन मिला और वह इस बहुराष्ट्रीय संगठन में सुधार और उसे नयी दिशा देने में नेतृत्व नेतृत्व प्रदान करता रहेगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद के लिए भारत का चुना जाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच और, खास तौर पर, कोविड-19 आपदा के दौर में उनके प्रेरणास्पद वैश्विक नेतृत्व का प्रमाण है।
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इस महीने के शुरू में विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की नीति सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि से निर्देशित होगी। उन्होंने यह भी कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नये कार्यकाल में भारत का समग्र लक्ष्य ‘नार्म’ यानी सुधरी हुई बहुपक्षीय प्रणाली को नयी दिशा देने के लक्ष्य को हासिल करना होगा।
सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्यों को वीटो पावर मिली हुई। ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमरीका स्थायी सदस्य हैं, जबकि दस अस्थायी सदस्य भी होते हैं, लेकिन इनके पास वीटो का अधिकार नहीं होता।
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