नवजीवन अभियान में तकनीकी जानकारी देते हुए छात्रावास अधीक्षकों के साथ हुई, आत्महत्याएं रोकने नैतिक दायित्य व भूमिका पर विस्तृत परिचर्चा
महासमुन्द:जिले में आत्महत्या रोकथाम के लिए शुरू किए गए नवजीवन जागरूकता अभियान में नई पीढ़ी को लक्षित करने विद्यार्थियों को ट्रिगर करना भी अहम है। जहाँ, शिक्षक विद्यार्थियों को शैक्षणिक प्रेरणा स्त्रोत के रूप में सेवाएं देते रहे हैं, वहीं, अब छात्रावास अधीक्षक भी उनमें स्वस्थ जीवन शैली के संचार कर तनाव प्रबंधन का अभ्यास कराएंगे। कलेक्टर सुनील कुमार जैन के निर्देशानुसार आत्महत्या रोकथाम के लिए गुरूवार को जिला पंचायत भवन महासमुंद में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सिद्धेश्वर प्रसाद वारे के मार्गदर्शन में जिला कार्यक्रम प्रबंधक एवं नवजीवन के नोडल अधिकारी संदीप ताम्रकार व उनके दल ने जिले में पदस्थ छात्रावास अधीक्षकों को प्रशिक्षित किया.
कार्यशाला में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी रवि मित्तल ने अभियान नवजीवन के संबंध में उद्देश्य, महत्ता, प्रारंभिक चरण में काम-काज और अंकेक्षण के विषय पर जानकारी दी। जिला कार्यक्रम प्रबंधक व नोडल अधिकारी नवजीवन ताम्रकार ने उन्हें भूमिका के महत्व पर प्रकाश डालते हुए शुरुआत से बच्चों को अच्छा नागरिक बनाने का लक्ष्य दिया। वहीं नियमित निगरानी और कार्यशाला आयोजित कर, मनोरंजन एवं खेल प्रतियोगिता आदि के माध्य्म से स्टाफ सहित बच्चों को भी अभियान में शामिल करने की बात कही.
कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के शासकीय सामाजिक कार्यकर्ता असीम श्रीवास्तव, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के मनोचिकित्सा सामाजिक कार्यकर्ता राम गोपाल खूंटे ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए पहले अभियान संबंधी तकनीकी जानकारी दी। जिसमें आध्यात्मिक चिंतन व नैतिक दायित्वों को लेकर देर तक चर्चा चलती रही। मुख्य रूप से तनाव प्रबंधन और स्वास्थ्य जीवन कौशल अपना कर छात्रावास में रहने वाले बच्चों के साथ अभ्यास करने की रूपरेखा तय की गई। कार्यशाला में छात्रावास अधीक्षकों ने दो चरणों को महत्वपूर्ण बताया, जिनमें लक्षण पहचानने के बाद संपर्क व सामंजस्य संबंधी नैतिक जिम्मेदारी के दायित्व उल्लेखित रहे। कार्यशाला में बड़ी संख्या में छात्रावास अधीक्षकों सहित विभागीय अधिकारीक व कर्मचारी उपस्थित थे। स्वास्थ्य विभाग के योग प्रशिक्षक देव कुमार डडसेना का योगदान उल्लेखनीय रहा.