खेलो इंडिया के एथलीटों को 30-30 हजार रुपये जारी किए भारतीय खेल प्राधिकरण ने

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सांकेतिक

भारतीय खेल प्राधिकरण ने दो हजार 749 एथलीटों के खातों में 30-30 हजार रुपए के हिसाब से सवा आठ करोड़ रुपए की राशि नकद भत्ते के तौर पर जारी किए है.प्राधिकरण ने कहा है कि इस महीने के अंत तक 144 अन्य एथलीटों के खातों में भी भत्ते जमा कराए जाएंगे। इसके साथ ही प्राधिकरण से अनुग्रह भत्ता पाने वाले खेलो इंडिया एथलीटों की कुल संख्या 2893 हो जाएगी.यह भत्ता 2020-21 की पहली तिमाही के लिए जारी किए गए है.

इसका लाभ 35 राज्यों के एथलीटों को दिया जा रहा है, जो 21 प्रकार के खेलों से जुड़े हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और तमिलनाडु के एथलीटों की है.युवा कार्य और खेलमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि सरकार हर समय एथलीटों को पूरा सहयोग देगी.जेब खर्च भत्ते के तौर पर प्रतिवर्ष भत्‍ते के तौर एक लाख 20 हजार रुपए दिए जाते हैं, जो इस योजना के अंतर्गत चयनित एथलीटों के लिए छह लाख 28 हजार रुपए की खेलो इंडिया स्कॉलरशिप का हिस्सा है.

खेलो इंडिया विश्वविद्यालय- भुवनेश्वर में भव्य समापन समारोह के साथ सम्पन्न
हॉकी के महान खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का निधन

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हॉकी के महानतम खिलाड़ियों में से एक तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार की सुबह पंजाब के मोहाली स्थित फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया.वे पिछले दो सप्ताह से कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे. उनके निधन पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दु:ख व्यक्त किया है.

देश के महानतम एथलीटों में से एक बलबीर सीनियर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा चुने गए आधुनिक ओलंपिक इतिहास के 16 महानतम ओलंपियनों में शामिल थे.हेलसिंकी ओलंपिक (1952) फाइनल में नीदरलैंड के खिलाफ पांच गोल का उनका रिकॉर्ड आज भी कायम है. उन्हें 1957 में पद्मश्री से नवाजा गया था और यह सम्मान पाने वाले वह पहले खिलाड़ी थे.

बलबीर सीनियर ने लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न (1956) ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीते थे. वह 1975 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर भी थे.कौशल के मामले में मेजर ध्यानचंद के समकक्ष कहे जाने वाले बलबीर सिंह सीनियर आजाद भारत के सबसे बड़े खिलाड़ियों में से थे. वह और ध्यानचंद भले ही कभी साथ नहीं खेले लेकिन भारतीय हॉकी के ऐसे अनमोल नगीने थे जिन्होंने पूरी पीढ़ी को प्रेरित किया.

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