प्रधानमंत्री ने सार्क देशों के साथ कोविड-19 को लेकर एक अहम पहल करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए महामारी से बचने, नागरिकों को सुरक्षित रखने और सार्क देशों की स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ आपदा प्रबंधन के विषय में गहन चर्चा की.प्रधानमंत्री ने कोविड-19 को लेकर एक आपात फंड गठित करने का प्रस्ताव किया, जिसमें भारत ने 10 मिलियन डॉलर की शुरुआती सहयोग राशि देने की घोषणा भी की. प्रधानमंत्री मोदी ने भविष्य में ऐसी महामारियों को रोकने के लिए एक साझा शोध प्लेटफॉर्म का गठन करने का प्रस्ताव भी दिया. साथ ही उन्होंने भविष्य की चुनौती के मद्देनज़र एक साझा SAARC Pandemic Protocols बनाने का प्रस्ताव रखा.
प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया जा रहा है, जिसमें चिकित्सक, विशेषज्ञ और जांच किट भी है. ऐसे में ज़रूरत पड़ने पर भारत सदस्य देशों की सहायता के लिए तत्पर है. प्रधानमंत्री ने दक्षेस देशों की चर्चा को अगले हफ़्ते समीक्षा करने की भी बात कही.
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अफ़गानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव और पहल का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि भारत इस संकट की घड़ी में अहम भूमिका निभा सकता है. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान जैसे देश को ऐसी स्थिति में सीमाएं बंद करने के नुकसान भी उठाने पड़ते हैं और आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई रुक जाती है. उन्होंने महामारी को देखते हुए दवाई और चिकित्सा सुविधा मुहैया करने की भी बात कही.
मालदीव राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने महामारी की इस आपात घड़ी में प्रधानमंत्री मोदी की पहल का स्वागत किया और कहा कि कोई भी देश ऐसी स्थिति में अकेला मुक़ाबला नहीं कर सकता ऐसे में आपसी सहयोग की ज़रूरत पर उन्होंने ज़ोर दिया. उन्होंने बताया कि मालदीव जैसे देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा हिस्सा पर्यटन का है और कोविड-19 के ख़तरे के मद्देनज़र पर्यटन काफी प्रभावित हुआ है. मालदीव में स्वास्थ्य सुविधाओं की आधारभूत संरचना भी बड़े पैमाने पर नहीं है. ऐसे में भारत द्वारा दी जा रही चिकित्सकीय सहायता की उन्होंने सराहना की.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्वास्थ्य मंत्रियों की कॉन्फ्रेंस कर विभिन्न तैयारियों का जायज़ा लेने पर ज़ोर दिया.नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद देते हुए कहा कि नेपाल भी सभी मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा सामूहिक प्रयास कोरोना वायरस से निपटने में सार्क क्षेत्र में ठोस रणनीति तैयार करने में मदद करेगा.भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग ने कहा कि मौजूदा संक्रमक महामारी का अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हमें आपस में तकनीक का आदान-प्रदान बढ़ाना चाहिए.
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