केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड-सीबीएसई ने देश भर में दसवीं और बारहवीं की बाकी परीक्षा के लिए लगभग 15 हजार परीक्षा केन्द्र बनाने का निर्णय लिया है.मानव संसाधन विकासमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी है.परीक्षाएं पहली जुलाई से 15 जुलाई तक आयोजित की जाएंगी.
सीबीएसई ने केवल तीन हजार केन्द्रों पर परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया था. परीक्षा केन्द्रों की संख्या बढ़ाने का निर्णय इसलिए लिया गया ताकि सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जा सके और छात्रों को परीक्षा देने के लिए ज्यादा दूर न जाने पड़े.मानव संसाधन विकास मंत्रालय पहले ही घोषणा कर चुका है कि छात्र अपने नामांकित स्कूलों में ही परीक्षा देंगे.
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गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 कंटेनमेंट जोन में कोई भी परीक्षा केन्द्र नहीं होगा.इसके अलावा छात्रों को परीक्षा केन्द्रों तक लाने के लिए परिवहन व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी होगी.बारहवीं कक्षा की परीक्षाएं समूचे देश में होंगी जबकि दसवीं कक्षा की परीक्षाएं केवल उत्तर-पूर्वी दिल्ली में होना बाकी है.
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने देश के लिए प्रशंसा अर्जित की
विकसित देशों के एक समूह ने भारत में डिजिटल बुनियादी ढांचा विकसित करने की सराहना की है.इस बुनियादी ढांचे से कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए जरूरतमंद लोगों को तेजी से और आसानी से नगद धन देकर मदद पहुंचाई गई है.राष्ट्रमंडल की महासचिव पैट्रिशिया स्कॉटलैंड ने डिजिटल इंडिया को शानदार बताते हुए अपनी खुशी जाहिर की है.उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रमंडल के अऩ्य विकसित देशों के लिए एक नई किरण है.
राष्ट्रमंडल की महासचिव स्कॉटलैंड ने कहा कि भारत ने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास किया है और किफायती डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराना सराहनीय कदम है.उन्होंने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की सफलता के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी रवि शंकर प्रसाद की सराहना की और उनके योगदान को राष्ट्रमंडल के अन्य सदस्य देशों के लिए प्रेरणा स्रोत बताया.
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