परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि निजी क्षेत्र को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो के केन्द्रों और अन्य संबंधित परिसंपत्तियों के उपयोग की अनुमति दी जाएगी।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की आत्मनिर्भर भारत कार्ययोजना ने अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी भागीदारी को अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए बढ़ावा देने की पहल की है।
इससे निजी क्षेत्र भारत की अंतरिक्ष यात्रा में सहभागी बनेगा और निजी कंपनियों को अंतरिक्ष गतिविधियों में समान अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि ग्रह संबंधी भावी अन्वेषण की परियोजनाएं निजी क्षेत्र के लिए खोली जाएंगी।
भारत के पहले मानव युक्त अंतरिक्ष मिशन गगनयान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों के चयन का काम पूरा हो गया है और रूस में उनका प्रशिक्षण भी शुरू हो गया है लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसमें बाधा आई है। जल्द ही यह कार्य फिर शुरू होगा।
मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष के दौरान इसरो ने स्कूली बच्चों के लिए विशेष युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम-युविका की शुरूआत की है। इसका उद्देश्य युवा पीढ़ी को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और संबंधित अनुप्रयोगों की बुनियादी जानकारी देना है।
मंत्री मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान इसरो के वैज्ञानिक अनिवार्य चिकित्सा उपकरण, सुरक्षा किट और अन्य संयंत्र उपलब्ध कराने के उपायों में व्यस्त रहे हैं।
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