ब्रह्मोस मिसाइल ले जाने में सक्षम सुखोई-30 एम के आई के पहले स्क्वार्डन को आज तमिलनाडु के तंजावुर बेस में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। एक भव्य समारोह में प्रधान रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और वायु सेना प्रमुख, एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार भदौरिया की मौजूदगी में इस स्क्वार्डन को भारतीय वायु सेना का हिस्सा बनाया गया। पुनर्गठित 222-स्क्वार्डन, जिसे टाइगरशार्क भी कहा जाता है, हिन्द महासागर में वायु और समुद्री मारक क्षमता में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है।
जनरल बिपिन रावत ने कहा कि दक्षिण प्रायद्वीप में स्थित तंजावुर की सामरिक स्थिति, टाइगरशार्क को हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में नौसेना की गतिविधियों के साथ ही थल सेना को भी ताकतवर आधार प्रदान करेगी।
एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार भदौरिया ने इस मौके पर कहा कि सुखोई-30 एम के आई, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के साथ और भी मारक समुद्री ताकत बन जाता है। उन्होंने कहा कि इससे हमारी नौसेना को बहुत ताकत मिलेगी।
बाद में मीडिया से बात करते हुए सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि देश की तीनों सेनाओं में बेहतर समन्वय स्थापित हो रहा है। संभावित खतरों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सभी रक्षा सेनाएं हरसंभव स्थिति के लिए तैयार रहती है तथा हमारी रक्षा सेनाएं भी उन्हें दिए जाने वाले हर काम के लिए मुस्तैद हैं।
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— DNS (@DNS11502659) January 20, 2020
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