यूरोपीय संसद ने भारत के नये नागरिकता अधिनियम के विरूद्ध प्रस्ताव पर आज मतदान न कराने का निर्णय लिया है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम पर मतदान का टल जाना कूटनीतिक जीत है। सूत्रों ने कहा कि यूरोपीय संसद में भारत के मित्र पाकिस्तान के मित्रों पर भारी पड़े।भारत ने शक्तिशाली यूरोपीय संघ के लगभग सभी देशों से संपर्क किया और उन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरूद्ध प्रस्ताव पर आगे बढ़ने से रोकने के प्रयास किये।यूरोपीय संघ के सांसद नए नागरिकता कानून पर विदेश मंत्री एस जयशंकर से सही जानकारी लिये जाने तक मतदान स्थगित करने पर सहमत हो गये हैं। जयशंकर का जल्दी ही ब्रसेल्स जाने का कार्यक्रम है जहां वे प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी की मार्च के मध्य में होने वाली यात्रा की भूमिका और रूपरेखा तैयार करेंगे।
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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरूद्ध प्रस्ताव को लेकर यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड मारिया ससोली को पत्र लिखा है।बिरला ने पत्र में कहा कि किसी एक विधायिका का किसी अन्य विधायिका के विरूद्ध निर्णय देना उचित नहीं है और स्वार्थी तत्व इस परम्परा का दुरूपयोग कर सकते हैं।लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि अंतर-संसदीय संघ के सदस्यों के नाते विधायिकाओं की संप्रभु प्रक्रियाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम का उद्देश्य उन लोगों को नागरिकता देने की प्रक्रिया सरल बनाना है जिनको पड़ोसी देशों में मजहबी आधार पर प्रताडित किया जाता है।उन्होंने स्पष्ट किया है यह अधिनियम किसी की नागरिकता छीनने का नहीं है।उन्होंने अपने पत्र में यह भी बताया कि यह कानून भारतीय संसद के दोनों सदनों में समुचित चर्चा के बाद लाया गया है।
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