बागबाहरा – भारत-पाक युद्ध 1971 में पाकिस्तानी सेना ने कच्छ के हवाई अड्डे में बम गिराकर नष्ट कर दिया । पुनर्निर्माण के लिए मजदूर नहीं मिल रहे थे.ऐसे समय कच्छ भुज के माघापर के महिला समूह की 300 महिलाओं ने अथक परिश्रम कर मात्र तीन दिनों (71 घंटे) में एक नया हवाई पट्टी का निर्माण कर दिया.जंहा से भारतीय वायु सेना के जंगी जहाजों ने उड़ान भरी व् पाकिस्तान पर विजय प्राप्त हुआ.
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उन 300 महिलाओं में मात्र 6 महिलाएं,कानबाई एस हिरानी,श्याम बाई के खोखाणी ,प्रेम बाई के हिरानी, वाल बाई पंडो रिया,देव बाई के हलाई , वाल बाई के हलाई जीवित हैं.जिनका आगमन विगत दिनों छत्तीसगढ़ हुआ है तथा छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों में उनका स्वागत किया जा रहा है. इस कड़ी में 9 फरवरी को दुर्ग में इनका अभूतपूर्व स्वागत हुआ.इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता विश्वनाथ पाणिग्रही ने स्वागत समारोह एवम् अन्य कार्यक्रमों में पहुंचकर उनके साहस ,शोर्य एवम् श्रम की सराहना की एवम् स्वागत अभिनन्दन किया.कच्छ गुर्जर समाज ,जैन समाज महिला मंडल, प्रजापिता ब्रह्माकुमारी संस्थान ,शिवनाथ जल सम्मेलन सहित अनेक संस्थानों ने स्वागत किया.
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