रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत भविष्य में रक्षा साजो सामान आयातकर्ता की बजाय मुख्य निर्यातक देश होगा। आज बेंगलूरू में एक राज्य स्तर के उत्सव के दौरान हिन्दुस्तान एरोनॉटिक लिमिटेड- हच ए एल के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज 17 हजार करोड़ रूपए के रक्षा साजो सामान निर्यात किए जाते हैं, जो वर्ष 2024 तक 35 हजार करोड़ रूपए तक हो जाएंगे।एच ए एल को भारत के उड्डयन क्षेत्र की रीढ़ की हड्डी बताते हुए उन्होंने उड्डयन संबंधी साजो सामान तैयार करने वाली इस कंपनी से कहा कि वह मेक इन इंडिया कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य भूमिका निभाएं।
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उन्होंने यह भी कहा कि एच ए एल को नागरिक विमान विनिर्माण में अग्रणीय भूमिका निभानी चाहिए। रक्षामंत्री ने सरकारी क्षेत्र की इस इकाई की पिछले वर्ष 19 हजार 750 करोड़ रूपए के साजो सामान तैयार के लक्ष्य को प्राप्त करने पर सराहना की। उनका कहना था कि एक दिन भारत महाशक्ति बन जाएगा क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था पिछले छह वर्षों में विश्व में दसवें स्तर से पांचवें स्तर पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत की अर्थव्यवस्था को तीसरा उच्च स्थान प्राप्त हो जाना चाहिए और इसके लिए एच ए एल जैसी संस्थाओं को कड़ी मेहनत करनी होगी।
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