सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों-एमएसएमई और किसानों की सहायता करने के लिए ऐतिहासिक फैसला की मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यमों की परिभाषा को और संशोधित करने की मंजूरी दी है।
इस फैसले से अनेक औद्योगिक इकाईयों को एमएसएमई के दायरे में लाया जा सकेगा। 50 करोड़ रुपये तक के निवेश और 250 करोड़ रुपये तक के सकल कारोबार वाले उद्यम अब एमएसएमई क्षेत्र में उपलब्ध लाभ हासिल कर सकेंगे। ऐसे उद्यमों में निर्यात से कारोबार को सकल कारोबार से छूट दी जाएगी।
इस अवसर पर एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कैबिनेट ने संकट में फंसे एमएसएमई की सहायता के लिए बीस हजार करोड़ रुपये के आपात एमएसएमई कोष को भी स्वीकृति दी। उन्होंने 50 हजार करोड़ रुपये के आरंभिक आवंटन के साथ फंड और फंड्स नामक विशेष कोष बनाने के फैसले का भी उल्लेख किया। यह राशि शेयर बाजार के जरिये जुटाई जायेगी।
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किसानों के लिए राहत की घोषणा करते हुए कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 83 प्रतिशत तक बढ़ाया जायेगा। इससे किसानों को अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 53 रुपये प्रति क्विंटल रुपये बढ़ाकर एक हजार 868 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 260 रुपये बढ़ाया गया है। इससे मौजूदा फसल वर्ष के लिए कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य पांच हजार 515 रुपये प्रति क्विंटल होगा।
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि मंत्रिमंडल ने कृषि और संबंधित गतिविधियों के लिए लघु अवधि ऋण चुकाने की तिथि अगस्त तक बढ़ा दी है। इस फैसला से उन किसानों को मदद मिलेगी, जिन्हें अपना ऋण पहली मार्च से 31 अगस्त के बीच चुकाना था।
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