नासा ने मंगलवार को चन्द्रमा का तस्वीर (Moon picture)जारी कर बताया कि विक्रम लैंडर का मलबा (Debris)मिल गया है और इस जगह पर क्रैश हुआ. नासा द्वारा जारी इस खबर में भारतीय इंजीनियर (Indian engineer)का बहुत बड़ा हाथ है. अंतरिक्ष में रुचि लेने (Taking interest in space)वाले एक चेन्नई के इंजीनियर शानमुगा सुब्रमण्यन(शान) ने खुद लूनर रिकनाइसांस ऑर्बिटल कैमरा (एलआरओसी) से तस्वीरें डाउनलोड कीं नासा और एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी ने सोमवार को इसकी पुष्टि(Confirmation) की.
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#WATCH "I was able to find something out of the ordinary in a particular spot,so,I thought this must be the debris;This should inspire lot of people,"S Subramanian,an amateur astronomer from Chennai who has discovered debris of Chandrayaan-2's Vikram Lander on surface of the moon pic.twitter.com/BuLeQzKIkP
— ANI (@ANI) December 3, 2019
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चेन्नई के एक शौकिया खगोलशास्त्री शनमुगा सुब्रमण्यन का कहना है कि मैं एक विशेष स्थान पर सामान्य से कुछ खोजने में सक्षम था, इसलिए, मैंने सोचा कि यह मलबा होना चाहिए.मुझे आज ही नासा से पुष्टि मिली
मीडिया से बात करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा, मैंने विक्रम लैंडर का संभावित मार्ग खोजने में कड़ी मेहनत (hard work) की. मैं बहुत खुश हूं. इस कार्य के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी. मुझे हमेशा से अंतरिक्ष विज्ञान का शौक रहा (Been fond)है. मैंने कभी भी कोई लॉन्च नहीं छोड़ा. शानमुगा सुब्रमण्यन मैकेनिकल इंजीनियर और कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं. वह चेन्नई में ही लेनॉक्स इंडिया टेक्नॉलजी सेंटर में टेक्निकल आर्किटेक्ट के तौर पर काम कर रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि 4-5 दिनों के लिए प्रत्येक दिन 7-8 घंटे बिताए। यह कुछ ऐसा है जिसे सही ज्ञान के साथ कोई भी कर सकता है.मैं एक विशेष स्थान पर साधारण (Common place)से कुछ खोजने में सक्षम (Able to find)था, इसलिए, मैंने सोचा कि यह मलबे होना चाहिए.बस इसकी पुष्टि (Confirmation of)होना था.सात सितंबर 2019 को हुई विक्रर लैंडर की चांद पर हुई हार्ड लैंडिंग के इस पहलू की खोज करके शानमुगा ने बड़ा योगदान(Major contribution) दिया है.विक्रम से संपर्क टूटने के बाद से ही इसरो (ISRO) और नासा इसकी तलाश में जुटी (Looking for) हुई थीं.
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