सिनेमा जगत की जानी मानी नृत्य निर्देशक सरोज खान का आज तड़के दिल का दौरा पडने से देहांत हो गया। वे 71 वर्ष की थीं।
सरोज खान को पिछले महीने की 17 तारीख को सांस लेने में कठिनाई की शिकायत के बाद मुम्बई में बांद्रा के गुरूनानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे मधुमेह और अन्य संबंधित बीमारियों से पीड़ित थीं। उनकी कोरोना वायरस जांच नेगेटिव पाई गई थी। सरोज खान की अंत्येष्टि मुंबई में मलाड स्थित कब्रिस्तान में कर दी गई।
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माया नगरी में सरोज खान ने चार दशक से अधिक समय तक दो हजार से अधिक गीतों के लिए नृत्य निर्देशन किया। उनका बचपन का नाम निर्मला था। विभाजन के बाद उनके माता-पिता भारत आए उन्होंने तीन वर्ष की उम्र में बाल कलाकार के रूप में नजराना फिल्म से अपने कैरियर की शुरूआत की। बाद में 1950 के दशक में उन्होंने नृत्य निर्देशक के रूप में काम किया।
सरोज खान ने फिल्म कोरियोग्राफर बी. सोहन लाल से नृत्य का प्रशिक्षण लिया। बाद में वे स्वयं कोरियोग्राफी की ओर उन्मुख हुई। उन्होंने 1974 में बनी गीता मेरा नाम फिल्म में स्वतंत्र कोरियोग्राफर के रूप में काम किया। लेकिन तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली इस नृत्य निर्देशक को प्रसिद्धि के लिए वर्षों इंतजार करना पड़ा।
उन्होंने श्रीदेवी के साथ काम किया। 1987 में बनी मिस्टर इंडिया में हवाहवाई गीत और 1986 में नगीना, 1989 में चांदनी जैसी फिल्मों और 1988 में माधुरी दीक्षित के साथ तेजाब फिल्म के सुपरहिट गीत एक-दो-तीन से उन्हें ख्याति प्राप्त हुई।