शुक्रवार 20 दिसम्बर को 2008 जयपुर बम विस्फोट कांड में जयपुर की अदालत ने मामले में सजा के सभी चार दोषियों – सरवर आज़मी, मोहम्मद सैफ, सैफुर रहमान, और सलमान को मौत तक की सजा देने की घोषणा की है .
राजस्थान की एक विशेष अदालत (Special court)ने 2008 के जयपुर सीरियल ब्लास्ट केस में बुधवार को 11 साल बाद 4 आरोपियों को दोषी ठहराया, जबकि एक आरोपी को दोषमुक्त करार दिया. इन धमाकों में 71 लोगों की मौत हुई थी.करीब 11 साल से भी ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद आखिरकार 2008 के जयपुर बम विस्फोट (explosion) मामले में इंसाफ हो गया है . राजस्थान की एक विशेष अदालत (Special court)ने जयपुर बम विस्फोट (detonate the bombs) मामले में बुधवार को चार आरोपियों को दोषी ठहराया, जबकि एक आरोपी को दोषमुक्त करार दिया.
मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत (Special court)के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने अपने फैसले में मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहमद सलमान और सैफुर्रहमान को दोषी ठहराया. इन सभी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 324, 326, 120-बी, 121-ए और 124-ए, 153-ए के तहत दोषी माना गया है.
इसके अलावा विस्फोट पदार्थ अधिनियम (Explosive Substances Act)की धारा तीन के तहत तथा विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 13, 16, 1-ए और 18 के तहत भी उन्हें दोषी ठहराया है. अदालत ने आरोपी शाहबाज हुसैन को दोषमुक्त करार दिया, क्योंकि उनके खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके.
शाहबाज पर इन धमाकों (explosion)की जिम्मेदारी लेने वाला ईमेल भेजने का आरोप था.पहला धमाका चांदपोल हनुमान मंदिर और उसके बाद दूसरा सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर पर हुआ था. इसके बाद बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, छोटी चौपड़ और तीन अन्य स्थानों पर धमाके हुए थे.
बम धमाके के बाद राज्य सरकार की सिफारिश पर उच्च न्यायायल (high Court)ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत (Special court)गठित की थी. मामले में अभियोजन पक्ष (Prosecutors)की ओर से 1,272 गवाह और बचाव पक्ष की ओर से 24 गवाह पेश किए गए थे.
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