महासमुंद: महासमुंद जिले में वर्ष 2016 से अगस्त 2019 तक अनुज्ञापन अधिकारी एवं उप संचालक कृषि महासमुंद द्वारा अधिनियम के विपरीत निरीक्षकों की अवैध नियुक्तियां की गई। जिस पर संचालनालय कृषि से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। यह जानकारी कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर के सवाल पर विधानसभा में दी.
विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को विधायक चंद्राकर ने महासमुंद जिले में कीटनाशी अधिनियम के तहत निरीक्षकों की नियुक्ति का मामला उठाया। जिस पर जानकारी देते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि कीटनाशी अधिनियम के तहत जिले में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी बीआर घोड़ेसवार व डीआर चंद्राकर को नियुक्त किया गया है। उन्होंने स्वीकार किया कि वर्ष 2016 से अगस्त 2019 तक अनुज्ञापन अधिकारी एवं उप संचालक कृषि महासमुंद द्वारा अधिनियम के विपरीत निरीक्षकों की अवैध नियुक्तियां की गई थी। इस दौरान बीआर घोड़ेसवार, बीजे कठाने, अमित कुमार मोहंती, बीएल भगत, एसआर डोंगरे व व्हीएल पटेल की निुयक्ति की गई थी। अधिनियम के विरूद्ध निरीक्षक नियुक्त करने वाले अधिकारी के खिलाफ संचालनालय कृषि से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई प्रक्रियाधीन है.
कम हितग्राहियों के कारण सेंटर बंद
महासमुंद में संचालित आजीविका फिजियोथैरेपी सेंटर का संचालन हितग्राहियों की संख्या कम होने के कारण बंद किया गया है। विधायक चंद्राकर के सवाल पर जवाब देते हुए महिला एंव बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया ने बताया कि महासमुंद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत 55 मूक बधिर व 85 बहु विकलांग बच्चे हैं। स्वैच्छिक संस्था के माध्यम से समर्थ आजीविका फिजियोथैरेपी सेंटर का संचालन किया जा रहा था। मई 2019 से संचालन हितग्राहियों की कम संख्या होने के कारण बंद किया गया है.
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