अब तक एक लाख 5 हजार श्रमिक प्रदेश में आए वापस

सांकेतिक फोटो

भोपाल-अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कंट्रोल रूम  आईसीपी केशरी ने जानकारी दी है कि अभी तक विभिन्न प्रदेशों में फंसे मध्य प्रदेश के एक लाख 5 हजार श्रमिकों को वापस लाया जा चुका है।

गुजरात से आज 4000 लोग लाए गए हैं।प्रदेश में प्रतिदिन पैदल 4 से 5 हजार लोग आ रहे हैं।प्रदेश के विभिन्न जिलों में फंसे मध्य प्रदेश के करीब 50 हजार श्रमिकों को पिछले 10 दिनों में उनके गृह स्थान पहुंचाया गया ह।कंट्रोल रूम प्रभारी केशरी ने बताया है कि 6 मई को एक ट्रेन पनवेल से रीवा आई थी और आज भोपाल आयी है।6 मई को एक ट्रेन तेलंगाना से भोपाल आई थी और 7 मई की सुबह एक ट्रेन हैदराबाद से कटनी आई है।

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से 2-2 ट्रेन और आ रही हैं।7 मई को हरियाणा के रेवाड़ी से दो ट्रेन सागर के लिए और एक ट्रेन दिल्ली से छतरपुर के लिए रवाना हो रही हैं केरल के कालीकट से भोपाल एक ट्रेन कल आएगी। 8 मई को 6 ट्रेन विभिन्न स्थानों से आ रही हैं। कंट्रोल रूम प्रभारी केसरी ने बताया कि 25 नई ट्रेनों का रिक्विजिशन आज भेजा जा रहा है

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उम्मीद की नई किरण प्लाज्मा थैरेपी: मंत्री डॉ. मिश्रा

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा गृह मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने आज प्लाज्मा थैरेपी से स्वस्थ होकर घर लौटे मरीजों से वीडियो कॉलिंग से बात कर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी के उपचार से कोरोना संकट से निपटने में मदद मिलेगी।

डॉ मिश्रा ने कोरोना के उपचार में प्लाजमा थैरेपी से मिली सफलता पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी इस संकट- काल में उम्मीदों की नई किरण के रूप में सामने आई है। अब तक उपचार की इस पद्धति से तीन लोग स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं।

मंत्री डॉ मिश्रा ने कहा कि विगत दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से उन्होंने प्लाज्मा थैरेपी से उपचार संबंधी अनुमति मांगी थी , अनुमति मिलने के उपरांत इंदौर और भोपाल में प्लाज्मा थैरेपी से उपचार किया गया । इसके सुखद और आशातीत परिणाम अब सामने आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि इस पद्धति से हम कोरोना पीड़ितों का इलाज कर उन्हें स्वस्थ कर सकेंगे।

मंत्री डॉ मिश्रा ने प्लाज्मा थैरेपी से स्वस्थ हुए लोगों से आह्वान किया कि वे लोगों में कोरोना से फैली हुई भ्रांतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर प्रदेश और देश की सेवा कर सकते हैं । वे लोगों को जागरूक बनाएं और कोरोना वायरस संबंधी भ्रांतियों को दूर करें। डॉ मिश्रा ने उन्हें सहयोग के लिए आश्वस्त करते हुए कहा कि यदि उन्हें कभी भी किसी प्रकार की कोई परेशानी होती है तो वे उनके मोबाइल पर व्यक्तिगत रूप से सीधे संपर्क कर सकते हैं।

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