दिल्ली-केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने आज ऑटो सेक्टर पर कोविड–19 के प्रभाव पर सियाम (एसआईएएम) संस्थान के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।
इस बैठक में राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव गिरिधर अरमाणे और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बातचीत के दौरान सदस्यों ने कोविड-19 महामारी के कारण उद्योग के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों के बारे में चिंता व्यक्त की और सरकार से इस क्षेत्र के लिए समर्थन का अनुरोध किया। सदस्यों ने इस सम्बन्ध में कुछ सुझाव भी पेश किये।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने सुझाव दिया कि व्यापार में तरलता (नकदी) बढ़ाने पर ध्यान दें, क्योंकि व्यवसाय में उतार-चढ़ाव आते ही रहते हैं। विकास के लिए काम करते समय ख़राब समय के लिए योजना बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उद्योग को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनने के लिए नवाचार, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान कौशल पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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मंत्री गडकरी ने जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने अगले दो वर्षों में 15 लाख करोड़ रुपये की लागत से सड़कों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय, अधिकृत व्याववसायिओं के साथ सभी मध्यस्थता मामलों को समाप्त करने के लिए अधिक समय लगाकर काम कर रहा है।
मंत्री गडकरी ने प्रतिनिधियों के सवालों का जवाब दिया और सरकार की तरफ से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वह सरकार और अन्य विभागों में इन मुद्दों को अपने स्तर पर उठाएंगे।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा कि उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों को ऑटो स्क्रैपिंग नीति को शीघ्र अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है। इससे लागत में महत्वपूर्ण कमी आएगी। उन्होंने ऑटोमोबाइल विनिर्माण क्षेत्र में तरलता (नकदी) बढ़ाने के लिए विदेशी पूंजी समेत सस्ते ऋण की खोज करने का भी सुझाव दिया।
बीएस4 वाहनों के सवाल पर, उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेगी। हालांकि, उद्योग जगत के सुझाव पर, वह मामले की नए सिरे से जांच करने की सिफारिश करेंगे। अन्य नियमों पर मांगी गई छूट के बारे में, मंत्री गडकरी ने कहा कि वे इस बात का प्रयास करेंगे कि जहाँ भी उद्योग समय की मांग कर रहा है वहाँ, जहाँ तक संभव हो, राहत दी जानी चाहिए।
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