पिथौरा-40 वर्षों तक वन विभाग में सेवा देने के बावजूद भी विभाग ने कर्मचारी के सेवानिवृति पश्चात प़ाप्त होने वाले मूल वेतन की आधा राशि पेंशन के रूप में प्रदान नहीं करने पर नाराज कर्मचारी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।हाईकोर्ट ने विभाग प्रमुख को आदेशित किया है कि आवेदक की समस्या का 4 सप्ताह के भीतर निराकरण कर निर्णय लेवे।
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बता दें कि वन परिक्षेत्र पिथौरा अंतर्गत मकरध्वज यादव वर्ष 1981 से दैनिक वेतन भोगी के रूप में कार्यरत रहा है, जिसकी नियमित नियुक्ति वनरक्षक के पद पर वर्ष 2007 में हुई थी । वनरक्षक के पद पर कार्य करते हुए मकरध्वज यादव को 2020 में सेवानिवृत्त किया गया है जब उसकी सेवानिवृत्ति हुई तो विभाग के द्वारा लगभग 28600 रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाता रहा है किंतु सेवानिवृत्ति के बाद उसे मूल वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में प्राप्त होना था लेकिन विभाग ने मात्र 7750 रुपए प्रतिमाह पेंशन का निर्धारण किया है।
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इस पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने विभाग को कई बार प्रार्थना पत्र देकर आग्रह किया किंतु उसकी बात नहीं सुनी गई लिहाजा स्थानीय अधिवक्ता बजरंग अग्रवाल के माध्यम से उसने हाईकोर्ट बिलासपुर का दरवाजा खटखटाया ।हाईकोर्ट बिलासपुर के द्वारा पारित आदेश के अनुसार वन मंडलाधिकारी महासमुंद को निर्देशित किया गया है कि आवेदक के आवेदन पर 4 सप्ताह के भीतर उचित निर्णय लेते हुए उसे लाभ प्रदान करें ।
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