भोपाल-मध्य भारत में पहली बार यूनिलेटरल बायोपोर्टल इंडोस्कोपी तकनीक द्वारा बिना चीर फाड़ के गांधी चिकित्सा महाविद्यालय एवं हमीदिया चिकित्सालय, भोपाल में सोमवार को सफलतापूर्वक डिस्क का आपरेशन किया गया। आपरेशन टीम में अस्थि रोग विभाग से डॉ. वैभव जैन, डॉ. आशीष गोहिया, डॉ. राहुल वर्मा सम्मिलित थे। निश्चेतना विभाग से डॉ. राजकुमार अहिवाल एवं डॉ. वीना श्री ने भी सहयोग प्रदान किया।
प्राध्यापक, अस्थि रोग विभाग डॉ. आशीष गोहिया ने बताया कि अशोक शर्मा (50) निवासी भोपाल, डिस्क प्रोलेप्स की समस्या से लगभग 02 माह से पीड़ित थे। डिस्क की समस्या से मरीज का चलना-फिरना भी दूभर हो गया था, मरीज को जब दवाओं व अन्य उपायों से आराम नहीं मिला तब अंत में सर्जरी का निर्णय लिया गया और आपरेशन किया गया। बिना चीर फाड़ के हुए आपरेशन से यह फायदा हुआ कि मरीज को आपरेशन के दूसरे दिन डिस्चार्ज किया गया।
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एंडोस्कोपिक स्पाईन सर्जरी में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त डॉ. वैभव जैन ने बताया कि मरीज का आपरेशन नवीनतम तकनीक यूनी लेटरल बायोपोर्टल एंडोस्कोपिक तकनीक द्वारा किया गया। यह एक मिनीमल इनवेजिव तकनीक है जिसमें पेन के आकार जितने उपकरण एवं दूरबीन द्वारा स्पाईन सर्जरी की जाती है जो ओपन सर्जरी तकनीक से अधिक सुरक्षित है। इस तकनीक में मरीज का अस्पातल में भर्ती का समय, ब्लड लास, कमर दर्द, आदि ओपन सर्जरी से बहुत कम होता है। इस तकनीक से सर्जरी के पश्चात मरीज पुनः अपने कार्य जल्दी लौटता है।
सह-प्राध्यापक डॉ. राहुल वर्मा ने बताया कि जीएमसी भोपाल तथा हमीदिया चिकित्सालय में प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीत टण्डन के निर्देशन में स्पाइन इज्यूरी सेन्टर संचालित है जहाँ विश्वस्तरीय तकनीक द्वारा स्पाईन यानि रीढ़ की हड्डी रोग का सफलतापूर्वक इलाज कर मरीजों को स्वास्थ्य लाभ दिया जाता है।
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