महासमुन्द-छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि सरकार को दमन कारी नीति छोड़कर सार्थक पहल करना चाहिए जब सरकार ने उनकी वेतन विसंगति दूर करने का वायदा किया है उसे तत्काल पूरा करना चाहिए ।
जिला अध्यक्ष ओम नारायण शर्मा ने कहा है कि सहायक शिक्षक आज वेतन विसंगति के कारण काफी नुकसान में हैं लगातार उनके द्वारा विसंगति दूर करने का सरकार से निवेदन किया जाता रहा है परन्तु वे हर बार छले जाते रहे हैं, सरकार द्वारा वेतन विसंगति के लिए अन्तर्विभागीय कमेटी बनाकर 90 दिन में निराकरण का आश्वासन दिया गया था परन्तु वह समय भी बीत गया लेकिन सरकार द्वारा विसंगति दूर करने की इच्छाशक्ति अब तक नहीं दिखाई गई है । अब जब पानी सर से ऊपर आ चुका है तब अन्य कोई विकल्प शेष नहीं होने के कारण ये कर्मचारी सड़क की लड़ाई लड़ने मजबूर हैं।
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साईं नमन नर्सिंग होम के सोनोग्राफी सेंटर को किया गया सीलबंद
ऐसे में यदि सरकार को सचमुच प्राथमिक स्तर पर पढने वाले नन्हें मुन्नों के भविष्य की चिंता है तो आंदोलनरत शिक्षकों के ऊपर दमनात्मक कार्यवाही करने के बजाय उनकी समस्याओं का तत्काल निराकरण करना चाहिए । छत्तीसगढ़ राज्य को कोरोनाकाल में “पढ़ई तुंहर दुवार” योजना के लिए काफी ख्याति प्राप्त हुई है, बच्चों की पढ़ाई को बाधित होने से बचाने के लिए तरह-तरह के नवाचारों के माध्यम से शैक्षिक गतिविधियों के संचालन को नियमित रखने में जिन शिक्षकों ने अपना योगदान दिया था वे इन्हीं शिक्षकों के उत्साह से सफल होता रहा है।
ये वही शिक्षक हैं जिन्होंने बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए कोरोना की चिन्ता को पीछे रखा था ये आन्दोलनरत शिक्षक ऐसे नींव हैं जो बच्चों के भविष्य गढ़ने का काम करते हैं सरकार को बड़ा दिल दिखाते हुए तत्काल इन शिक्षकों की एक सूत्रीय मांग को पूरा करना चाहिए ।
छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ महासमुन्द जिला के संरक्षक प्रमोद तिवारी, सचिव सुरेश पटेल, कोषाध्यक्ष आदित्य ठाकुर सहित जिले के पदाधिकारियों ने सहायक शिक्षक फेडरेशन की एक सूत्रीय मांग को तत्काल पूरा करने की मांग सरकार से की है।
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