Home छत्तीसगढ़ सर्वाधिक ओडीएफ प्लस गांव के लिए छत्तीसगढ़ को मिला दूसरा पुरस्कार –

सर्वाधिक ओडीएफ प्लस गांव के लिए छत्तीसगढ़ को मिला दूसरा पुरस्कार –

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री सिंहदेव ने ग्रामीणों और स्वच्छ भारत मिशन टीम को दी बधाई

रायपुर :केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के गंदगीमुक्त भारत अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ को सर्वाधिक ओडीएफ प्लस गांव के लिए दूसरा पुरस्कार मिला है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती पर स्वच्छ भारत दिवस के मौके पर आयोजित ऑनलाइन समारोह में छत्तीसगढ़ को यह पुरस्कार प्रदान किया। इस मौके पर जल शक्ति राज्य मंत्री  रतनलाल कटारिया भी मौजूद थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  टी.एस. सिंहदेव, विभागीय प्रमुख सचिव  गौरव द्विवेदी और स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के संचालक धर्मेश साहू वीडियो कॉन्फ्रेंस से पुरस्कार समारोह में शामिल हुए.

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री  टी.एस. सिंहदेव ने इस उपलब्धि के लिए स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की राज्य, जिला, विकासखंड एवं ग्राम पंचायत की पूरी टीम को बधाई दी है। उन्होंने ओडीएफ प्लस गांवों के पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों की जागरूकता की सराहना करते हुए आगे भी गांव को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने के लिए सक्रिय व जागरूक रहने कहा है। सिंहदेव ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के फेस-1 के क्रियान्वयन में भी छत्तीसगढ़ अग्रणी रहा है। स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विश्व बैंक द्वारा छत्तीसगढ़ को वर्ष 2018 और 2019 में 174 करोड़ रूपए की राशि परफॉर्मेंस ग्रांट के रूप में प्राप्त हुई थी। इस वर्ष भी विश्व बैंक द्वारा 68 करोड़ रूपए की राशि परफॉर्मेंस ग्रांट के रूप में राज्य को प्राप्त हुई है। मिशन के फेस-2 के अंतर्गत ओडीएफ के स्थायित्व सहित ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर जोर देकर सभी गांवों को स्वच्छ बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

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उल्लेखनीय है कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) फेस-2 के तहत भारत सरकार द्वारा इस साल 8 अगस्त से 15 अगस्त तक चलाए गए गंदगीमुक्त भारत अभियान में प्रदेश के 62 गांवों को ओडीएफ प्लस घोषित किया गया है। सर्वाधिक ओडीएफ प्लस गांवों की संख्या के मामले में छत्तीसगढ़ को पूरे देश में दूसरा स्थान मिला है। गंदगीमुक्त भारत अभियान के अंतर्गत आठ कड़े मापदंडों पर खरे उतरने वाले गांवों को ओडीएफ प्लस का दर्जा दिया गया है। इनमें खुले में शौच मुक्त का स्थायित्व, सार्वजनिक शौचालय की उपलब्धता, 80 प्रतिशत घरों तथा सभी स्कूलों, आंगनबाड़ियों एवं पंचायत भवनों में ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन की समुचित व्यवस्था, कूड़ा-करकट एवं पानी का सार्वजनिक स्थलों पर जमाव न होना, स्वच्छता का व्यापक प्रचार-प्रसार जैसे मापदंड शामिल हैं.

आपदा-पीड़ितों को 64 लाख रूपए की आर्थिक सहायता

रायपुर: राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जिला कलेक्टर के माध्यम से विभिन्न प्राकृतिक आपदा पीड़ितों को राजस्व-पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत आर्थिक सहायता स्वीकृत की जाती है। प्रदेश के कोरिया जिले में ऐसे ही 16 प्रकरणों में 64 लाख रूपए की सहायता आपदा पीड़ितों को स्वीकृत की गई है.

राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत आर्थिक सहायता के प्रकरणों में कोरिया जिले के तहसील सोनहत के ग्राम आनन्दपुर के प्रभु पण्डो की तालाब में डूबने से मृत्यु होने पर, ग्राम कुशहा की रितू की कुआं में डूबने से मृत्यु होने पर, तहसील भरतपुर के ग्राम खिरकी के संजय यादव की तालाब में डूबने से मृत्यु होने पर, ग्राम लरघाडण्डी की पिंकी की आकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु होने पर, ग्राम संरगवाह के विकास की तालाब में डूबने से मृत्यु होने पर, ग्राम अक्तवार के बालकिशोर की कुआं में डूबने से मृत्यु होने पर, ग्राम कोटाडोल की सुनीता की नदी में डूबने से मृत्यु होने पर, ग्राम नेउर की रोशनी की सर्पदंश से मृत्यु होने पर, ग्राम हर्रई की बब्बी बाई की सर्पदंश से मृत्यु होने पर, ग्राम खमरौध की रागनी सिंह की स्टाप डेम में डूबने से मृत्यु पर, तहसील खड़गवां के ग्राम मेन्ड्रा के मंगल सिंह की सर्पदंश से मृत्यु होने पर, ग्राम कटकोना के राजा विश्वास की सर्पदंश से मृत्यु होने पर, ग्राम दुबछोला के लक्षमण प्रसाद की सर्पदंश से मृत्यु होने पर, ग्राम पटमा के जयनन्दन एवं भुवनेश्वर सिंह की अकाशीय बिजली गिरने से मृत्यु होने पर तथा ग्राम कटकोना के संतोष कुमार जायसवाल की नदी में डूबने से मृत्यु होने पर मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रूपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है.

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