दिल्ली-केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने संडे संवाद के चौथे एपिसोड में सोशल मीडिया के इंटरेक्टर्स द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए। प्रश्न पूछने वाले कुछ लोगों के मन में कोविड वैक्सीन एक प्रमुख विषय रहा है और उन्होंने इस एपिसोड में इसके सम्बंध में ही प्रश्न पूछने का चयन किया। डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड में प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग, कोविड महामारी के आलोक में 2025 तक टीबी के उन्मूलन और भारत के स्कूलों को खोलने के बारे में पूछे गए प्रश्नों के धैर्यपूर्वक जवाब दिए।
वैक्सीन के वितरण को प्राथमिकता देने से संबंधित प्रश्नों का जवाब देते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय वर्तमान में एक प्रारूप तैयार कर रहा है, जिसमें राज्य वैक्सीन प्राप्त करने के लिए प्राथमिकता वाले जनसंख्या समूहों की सूची प्रस्तुत करेंगे, विशेषकर कोविड-19 के प्रबंधन में लगे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इसमें शामिल किया जाएगा। फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सूची में सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र के डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, स्वच्छता कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, निगरानी अधिकारी और अनेक अन्य व्यावसायिक श्रेणियों के कर्मी शामिल होंगे जो मरीजों का पता लगाने, परीक्षण करने और उनके उपचार में शामिल हैं।
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इस प्रक्रिया का लक्ष्य इस अक्टूबर के अंत तक पूरा हो जाएगा और राज्यों को कोल्ड चेन सुविधाओं और अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे के बारे में ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है। इस जानकारी की आवश्यकता ब्लॉक स्तर पर होगी। केंद्र, मानव संसाधन, प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण की निर्माण क्षमताओं के लिए व्यापक स्तर पर भी काम कर रहा है और मोटेतौर पर अनुमान है कि जुलाई 2021 तक लगभग 20-25 करोड़ लोगों को कवर करने के लिए 400-500 मिलियन खुराक की प्राप्ति और उपयोग होगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार इन योजनाओं को अंतिम रूप देते समय कोविड-19 के सम्बंध में प्रतिरक्षा डेटा पर भी नजर रख रही है।
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हर्षवर्धन ने कहा कि नीति आयोग सदस्य (स्वास्थ्य) वी.के. पॉल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति पूरी प्रक्रिया का खाका तैयार कर रही है। वैक्सीन की खरीदारी केंद्रीय रूप से की जा रही है और जब तक सबसे जरूरतमंद तक आपूर्ति सुनिश्चित नहीं की जाती, वैक्सीन की हर खेप उचित समय पर प्राप्त की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह समिति देश में विभिन्न टीकों की उपलब्धता की समय-सीमा को समझने के लिए काम कर रही हैं तथा भारत की माल सूची और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के लिए अधिक से अधिक संख्या में वैक्सींन की खुराक उपलब्ध कराने के लिए वैक्सीन विनिर्माताओं से प्रतिबद्धता प्राप्त कर रही हैं। इसके अलावा उच्च जोखिम वाले समूहों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। यह कार्य प्रगति पर है जिसे टीकाकरण कार्यक्रम के काम को तेजी से शुरू होने की सुनिश्चितता के लिए वैक्सीइन तैयार होने के समय तक पूरा कर लिया जाएगा।
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मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने स्कूलों के खुलने पर गृहमंत्रालय के दिशा-निर्देशों का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि छात्र केवल अभिभावकों की लिखित सहमति के बाद स्कूल में उपस्थित हो सकते हैं और छात्रों पर उपस्थिति को अनिवार्य नहीं किया जाएगा। जिन स्कूलों को खोलने की अनुमति है, उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित एसओपी का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा।
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